कोलकाता, तीन अक्टूबर (भाषा) पश्चिम बंगाल में सोमवार को पुष्पांजलि के साथ दुर्गा पूजा महा अष्टमी की शुरुआत हुई और बारिश के बावजूद पंडालों में भक्तों की लंबी कतार लगी हुई थीं।
कोविड महामारी के कारण दो साल के बाद इस बाद नियमित तरीके से पूजा का आयोजन हो रहा है और पूजा पंडालों में भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं।
हावड़ा के प्रसिद्ध रामकृष्ण मिशन के बेलूर मठ में परंपरा के अनुसार कुमारी पूजा का आयोजन किया गया।
कुछ पंडालों में पहली बार संस्कृत के बजाय बांग्ला भाषा के छंदों के साथ पुष्पांजलि आयोजित की गई। मातृभाषा को बढ़ावा देने की पहल के तहत ऐसा किया गया है। ऐसे पंडालों में कालीघाट का 66 पल्ली, बेहाला क्लब, दम दम तरुण दल, उल्टाडंगा विधान संघ शामिल हैं।
संस्कृत विद्वान नृसिंह प्रसाद भादुड़ी, भाषाविद पबित्र सरकार, और पुजारी कालीप्रसन्ना भट्टाचार्य, ने श्लोकों का अनुवाद किया है। भट्टाचार्य 60 साल से भी अधिक समय से दुर्गा पूजा का अनुष्ठान संपन्न करा रहे हैं।
इस बीच मौसम कार्यालय ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी के उत्तर पश्चिम में चक्रवात बनने के कारण दक्षिण 24 परगना, पूर्वी मेदिनीपुर और पश्चिम मेदिनीपुर जिलों में मंगलवार सुबह तक भारी बारिश हो सकती है। वहीं कोलकाता और आसपास के इलाकों में कुछ स्थानों पर गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान है।
मौसम विभाग ने बुधवार सुबह तक उत्तर बंगाल के सभी जिलों में भारी बारिश का अनुमान व्यक्त किया है।
भाषा अविनाश माधव
माधव
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
युवती ने अपने ही गोत्र के लड़के से रचाई शादी,…
40 mins ago