कोलकाता, छह अक्टूबर (भाषा) दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने सोमवार को झारखंड में अपने मैथन और पंचेत जलाशयों से 55,000 क्यूसेक पानी छोड़ा, जिससे पश्चिम बंगाल के दक्षिणी जिलों में बाढ़ की नयी चिंताएं उत्पन्न हो गईं। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
राज्य सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बाढ़ जैसी स्थिति को रोकने के लिए पानी छोड़े जाने पर कड़ी नजर रखी जा रही है, क्योंकि हाल के सप्ताहों में भारी बारिश के कारण क्षेत्र की नदियां पहले से ही उफान पर हैं।
डीवीसी ने तीन सितंबर को अपने जलाशयों से 70,000 क्यूसेक पानी छोड़ा था, जिसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने तीखी आलोचना की थी, क्योंकि निचले जिलों में बाढ़ की आशंका उत्पन्न हो गई थी।
राज्य सरकार ने डीवीसी पर उचित समन्वय के बिना पानी छोड़ने का आरोप लगाया है और कहा है कि इस पानी के छोड़े जाने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, क्योंकि कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
दक्षिणी जिलों में बाढ़ का खतरा फिर से मंडरा रहा है, जबकि उत्तर बंगाल लगातार बारिश से जूझ रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि दार्जिलिंग जिले में बारिश के कारण हुए भूस्खलन में अब तक 24 लोग मारे गए हैं।
भाषा अमित वैभव
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