नयी दिल्ली, 31 मई (भाषा) कांग्रेस ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत पर पहुंचने को लेकर बुधवार को कहा कि इन आंकड़ों में वाह-वाह करने लायक कुछ भी नहीं है क्योंकि निवेश एवं उपभोग से संबंधित ढांचागत समस्याएं रहने वाली हैं।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था ‘क्वार्टर से क्वार्टर तक’ जैसी किसी फिल्म की तरह नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कृषि, विनिर्माण, खनन और निर्माण क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश की आर्थिक वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में 6.1 प्रतिशत रही। इसके साथ, पूरे वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच गई। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
इस वृद्धि के साथ देश की अर्थव्यवस्था 3,300 अरब डॉलर की हो गयी है और उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ साल में 5,000 अरब डॉलर के लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा।
जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘अर्थव्यवस्था ‘क्वार्टर से क्वार्टर तक’ (तिमाही से तिमाही तक) नाम की किसी फिल्म की तरह नहीं है। आज के जीडीपी आंकड़ों को लेकर कुछ भी वाह-वाह करने के लिए नहीं है। वे इसे अपने अपने हिसाब से पेश करेंगे, लेकिन निवेश और उपभोग से जुड़े डबल इंजन की गहरी ढांचागत समस्याएं रहने वाली हैं।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘जीडीपी वृद्धि दर की सुर्खी का कोई मतलब नहीं है क्योंकि वास्तविक आंकड़े निजी उपभोग और वार्षिक विनिर्माण सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) वृद्धि से संबंधित हैं जो चिंता में डालने वाले हैं। चौथी तिमाही में निजी उपभोग 2.8 प्रतिशत रहा तथा वार्षिक जीवीए वृद्धि 11.1 प्रतिशत से गिरकर 1.3 प्रतिशत तक पहुंच गई।’’
रमेश का कहना था, ‘‘हम ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से यह कहते आ रहे हैं कि अमीर और गरीब के बीच खाई बढ़ रही है। यह बात आज के आंकड़ों से सही साबित हुई है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की नीतियों के चलते भारत न तो पर्याप्त उपभोग कर रहा है और न ही उत्पादन कर रहा है।
भाषा हक
हक पवनेश
पवनेश
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