भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का ‘सबसे अमानवीय कृत्य’ है आपातकाल: उपराज्यपाल सिन्हा

भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का ‘सबसे अमानवीय कृत्य’ है आपातकाल: उपराज्यपाल सिन्हा

भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का ‘सबसे अमानवीय कृत्य’ है आपातकाल: उपराज्यपाल सिन्हा
Modified Date: June 25, 2025 / 05:18 pm IST
Published Date: June 25, 2025 5:18 pm IST

श्रीनगर, 25 जून (भाषा) जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को कहा कि 1975 में आपातकाल की घोषणा संविधान की ‘हत्या’ थी और उन्होंने इसे भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास का ‘सबसे अमानवीय कृत्य’ करार दिया।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘25 जून 1975 को आपातकाल का लागू किया जाना संविधान की हत्या थी। ‘संविधान हत्या दिवस’ पर मैं उन लाखों सत्याग्रहियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष किया और भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले दौर में संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए अपना संघर्ष जारी रखा।’’

उपराज्यपाल ने बाद में आपातकाल पर एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।

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उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू के कन्वेंशन सेंटर में आपातकाल पर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के उस सबसे काले दौर में देश की आत्मा को कुचला गया, नागरिकों की स्वतंत्रता पर हमला किया गया, संवैधानिक सुरक्षा उपायों का उल्लंघन किया गया और राष्ट्र निर्माण के सपनों को दफन कर दिया गया।’’

सिन्हा ने कहा कि हमारे लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘आपातकाल के पीड़ितों ने संविधान के मूल्यों की रक्षा के लिए अनेक बलिदान दिए हैं। उनके सम्मान में यातनापूर्ण घटनाओं को याद करते हुए हमें अपने लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने तथा अपने राष्ट्र की अधिक सफलता के लिए पूर्ण समर्पण के साथ काम करने का संकल्प लेना चाहिए।’’

उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘मैं आपातकाल को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे अमानवीय कृत्य मानता हूं और आज का ‘संविधान हत्या दिवस भी गहन चिंतन और लोकतांत्रिक मूल्यों तथा संवैधानिक नैतिकता के प्रति प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि का अवसर है।’’

भाष प्रीति पवनेश

पवनेश


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