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नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) विशेषज्ञों के अनुसार कैंसर के उपचार और प्रबंधन में रोग निवारण और निवारक जीवन शैली पर ध्यान केंद्रित करने वाली एकीकृत एवं व्यापक रणनीति विकसित करते हुए सभी हितधारकों को इसमें शामिल करना वक्त की मांग है।
शुक्रवार को ‘कैंसर समिट 2023’ के चौथे संस्करण में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के पूर्व प्रमुख जी. के. रथ ने कहा, ‘‘कैंसर की रोकथाम और शुरुआती पहचान के लिए सेवाएं प्राप्त करने में आने वाली कुछ चुनौतियों का समाधान प्राथमिक स्वास्थ्य पेशेवरों को आवश्यक कैंसर ज्ञान, कौशल और जानकारी से लैस करके किया जा सकता है।’’
विश्व कैंसर दिवस की पूर्व संध्या पर आईएचडब्ल्यू काउंसिल एवं रैपिड ग्लोबल कैंसर अलायंस के सहयोग से शुक्रवार को ‘‘यूनाइटिंग वॉयसेस एंड टेकिंग एक्शन’’ शीर्षक से सम्मेलन का आयोजन किया गया।
इसका ध्यान कैंसर देखभाल से संबंधित कुछ चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने और वर्तमान स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को बढ़ाने पर केंद्रित था।
‘विश्व कैंसर दिवस’ हर साल चार फरवरी को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य दुनियाभर में कैंसर के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाना है।
नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार-स्वास्थ्य, जाने माने विशेषज्ञ मदन गोपाल ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा के उन मॉडलों की पहचान करना जो सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को प्राथमिकता देते हैं और कैंसर रोगियों को वित्तीय बोझ उठाने से बचाते हैं, वास्तव में न्यायसंगत और सुलभ कैंसर देखभाल की कुंजी है।
आईएचडब्ल्यू काउंसिल के सीईओ कमल नारायण ने कहा कि इस साल शिखर सम्मेलन में समान देखभाल वितरण और सहयोग पर केंद्रित व्यापक चर्चा के लिए कैंसर के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। नारायण ने हाल में शुरू किए गए ‘रैपिड ग्लोबल कैंसर एलायंस प्लेटफॉर्म’ का अनावरण किया।
भाषा सुरभि गोला
सुरभि
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