मशहूर गायिका ने पद्म श्री सम्मान लेने से किया इनकार, इसे खुद का अपमान बताया

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश की कई हस्तियों कोपद्म श्री अवार्ड देने का ऐलान किया गया। पद्म श्री पाने वालों की सूची में बंगाल की मशहूर गायिका संध्या मुखर्जी भी शामिल थीं, लेकिन उन्होंने यह सम्मान लेने से मना कर दिया है। उन्होंने इसे अपना अपमान करार दिया

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  • Publish Date - January 26, 2022 / 06:36 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:50 PM IST

sandhya mukharjee

singer refuses to accept Padma Shri award : कोलकाता। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश की कई हस्तियों कोपद्म श्री अवार्ड देने का ऐलान किया गया। पद्म श्री पाने वालों की सूची में बंगाल की मशहूर गायिका संध्या मुखर्जी भी शामिल थीं, लेकिन उन्होंने यह सम्मान लेने से मना कर दिया है। उन्होंने इसे अपना अपमान करार दिया। बताया जा रहा है कि जब केंद्र सरकार के अधिकारियों ने उन्हें मंगलवार की दोपहर इस बात की सूचना दी तब उन्होंने अवार्ड लेने से इनकार कर दिया।

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गायिका संध्या मुखर्जी, 90 साल, साउथ कोलकाता के लेक गार्डन इलाके की निवासी हैं। संध्या मुखर्जी ने बंगाली फिल्मों में हजारों गाने गए हैं और उनकी पहचान आधुनिक और सेमी-क्लासिकल म्यूजिक एलबम को लेकर भी है। प्रसिद्ध गायक हेमंत मुखर्जी के साथ गाए उनके गाने काफी पॉपुलर रहे हैं। बता दें कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में भी हेमंत कुमार की पहचान काफी बड़ी है और उनके प्रशंसक भी काफी हैं।

दिल्ली से गायिका संध्या मुखर्जी को एक अधिकारी ने दोपहर के समय फोन किया था। उन्होंने अधिकारी से कहा कि पद्म श्री उनके जैसी अनुभवी शख्सियत को दिया जाने वाला अवार्ड नहीं है। इस अवार्ड को लेना अपमान के बराबर होगा।’

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साल 1931 में जन्मीं संध्या मुखर्जी ने साल 1948 में हिंदी फिल्म अंजान घर के लिए अपना पहला गाना गाया था। इस गाने में संगीत निर्देशन राय चंद बोराल ने किया था। उन्होंने यह गाना एस डी बर्मन, रोशन और मदन मोहन जैसे महान संगीतकारों के दिशा-निर्देश में गाया था।

साल 2011 में संध्या मुखर्जी को बांग्ला विभूषण से सम्मानित किया गया था। यह बंगाल सरकार द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। साल 1970 में उन्हें बेस्ट फिमेल प्लेबैक सिंगर के अवार्ड से नवाजा गया था। यह अवार्ड उन्हें फिल्म जय जयंती और निशी पद्मा में गाए गानों के लिए मिला था।