मृत बेटी के लिए दूल्हा खोज रहा ये परिवार, अखबार में छपवाया विज्ञापन, दिमाग घुमा देगी वजह

मृत बेटी के लिए दूल्हा खोज रहा ये परिवार, अखबार में छपवाया विज्ञापन, Father Searching Groom for Died Daughter After 30 Years

मृत बेटी के लिए दूल्हा खोज रहा ये परिवार, अखबार में छपवाया विज्ञापन, दिमाग घुमा देगी वजह

Father married his would Bahu | Photo Credit: File

Modified Date: May 14, 2024 / 06:10 pm IST
Published Date: May 14, 2024 5:56 pm IST

मंगलुरुः Father Searching Groom for Died Daughter  कर्नाटक के दक्षिणी कन्नड़ जिले के अखबार में प्रकाशित शादी का एक विज्ञापन चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि इसे तीन दशक पहले मर चुकी महिला के लिए सुयोग्य वर के लिए प्रकाशित किया गया है। यह विचित्र विज्ञापन दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित पुत्तुर के एक परिवार ने दिया है जिसका मानना है कि उनकी दिवंगत बेटी की शादी नहीं होने की वजह से परिवार पर संकटों का पहाड़ टूट रहा है।

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Father Searching Groom for Died Daughter  परिवार के मुताबिक, करीब तीस साल पहले नवजात बच्ची की मौत हो गई थी और तब से ही उन्हें अप्रत्याशित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। परिवार ने जब बड़े-बुजुर्गों से बात की तो उन्हें बताया गया कि हो सकता है कि दिवंगत बेटी की भटक रही आत्मा इसका कारण हो। परिवार ने उसकी आत्मा की शांति के लिए उसका विवाह कराने का फैसला किया और 30 साल पहले मर चुकी महिला के लिए वर खोजने के लिए अखबार में विज्ञापन दिया जो चर्चा का विषय बना हुआ है।

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विज्ञापन में कहा गया, ‘‘तीस साल पहले मर चुकी दुल्हन के लिए 30 साल पहले मर चुके दूल्हे की तलाश है। कृपया प्रेत मुदुवा (प्रेतों का विवाह) के लिए संबंधित नंबर पर संपर्क करें।’’ मृतका के माता-पिता तमाम कोशिश के बावजूद उसी उम्र और जाति के एवं उतने समय पहले ही दिवंगत हुए वर की तलाश पूरी नहीं होने से दुखी हैं। मृत व्यक्ति की अपारंपरिक शादी की परंपरा तुलुनाडू क्षेत्र में प्रचलित है। इस क्षेत्र के अंतर्गत कर्नाटक और केरल के कासरगोड जिले के हिस्से आते हैं जहां पर स्थानीय बोली तुलु बोली जाती है। इस क्षेत्र में मृतकों की शादियों का भावनात्मक महत्व है। तुलुवा लोक संस्कृति के जानकारों के मुताबिक, दिवंगत आत्मा का परिवार से जुड़ाव बना रहता है और वे खुशी एवं गम साझा करते हैं।

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लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।