फरवरी 2020 दंगे: दिल्ली की अदालत ने पक्षों से आरोपों पर बहस के लिए समय सीमा बताने को कहा

फरवरी 2020 दंगे: दिल्ली की अदालत ने पक्षों से आरोपों पर बहस के लिए समय सीमा बताने को कहा

फरवरी 2020 दंगे: दिल्ली की अदालत ने पक्षों से आरोपों पर बहस के लिए समय सीमा बताने को कहा
Modified Date: June 3, 2025 / 11:25 pm IST
Published Date: June 3, 2025 11:25 pm IST

नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 के दंगों की ‘बड़ी साजिश’ मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की एक अदालत ने अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष को पिछले न्यायाधीश के स्थानांतरण के आलोक में आरोपों पर बहस करने के लिए समय सीमा बताने का निर्देश दिया है।

न्यायाधीश समीर बाजपेयी का स्थानांतरण दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायिक आदेश द्वारा किया गया।

दो जून को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ललित कुमार ने कहा कि मामले में आरोपों पर बहस होनी है और विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) ने अदालत को सूचित किया कि अभियोजन पक्ष और पांच आरोपियों ने आरोपों पर अपनी बहस पूरी कर ली है।

 ⁠

न्यायाधीश ने कहा, ‘पहले ही काफी समय बीत चुका है, इसलिए आरोप के बिंदु पर बहस में तेजी लानी होगी। चूंकि अदालत स्थानांतरित हो गई है, इसलिए अभियोजन पक्ष और आरोपी व्यक्ति तथा उनके वकील बहस से वाकिफ होने के लिए समय सीमा के संबंध में एक-दूसरे से परामर्श करने के वास्ते कुछ समय चाहते हैं।’

परिणामस्वरूप, अदालत ने विशेष लोक अभियोजकों और बचाव पक्ष के वकीलों को निर्देश दिया कि वे समय-सीमा और आरोप पर बहस को समझने के तरीके के बारे में अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करें।

भाषा

शुभम सुरेश

सुरेश


लेखक के बारे में