तिरुवनंतपुरम (केरल), 17 अगस्त (भाषा) तिरुवनंतपुरम के आसपास की बस्तियों से मछुआरा समुदाय के सैंकड़ों लोगों ने प्रशासन से विभिन्न आजीविका मुद्दों से संबंधित अपनी सात मांगों के समाधान की अपील करते हुए बुधवार को लगातार दूसरे दिन निर्माणाधीन विझिंजम बंदरगाह के मुख्य प्रवेश द्वार का घेराव किया।
लातिन आर्कडियोस के पादरियों की अगुवाई में महिलाओं समेत बड़ी संख्या में तटीय समुदाय के सदस्य आज भी बड़ी संख्या में निकटवर्ती मुलूर में स्थित बहुद्देश्यीय बंदरगाह के प्रवेश द्वार पर सुबह से डटे रहे।
प्रवेश द्वार का घेराव करने के साथ ही प्रदर्शनकारियों ने केरल सरकार एवं बंदरगाह के ‘अवैज्ञानिक’ निर्माण के विरूद्ध नारेबाजी की। उनका आरोप है कि केरल के दक्षिण जिलों में तटीय मृदा अपरदन बढ़ने के कारणों में एक इस बंदरगाह का निर्माण भी है।
उनके साथ एकजुटता दिखाते हुए पुवार और पुथिया जैसे अन्य बस्तियों से भी बड़ी संख्या में मछुआरे बाइक रैली की शक्ल में प्रदर्शन स्थल पर पहुंच गये।
कुछ प्रदर्शनकारी उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए लगाये गये अवरोधकों पर काला झंडा लगाने का प्रयत्न करते हुए नजर आये जबकि कुछ ने रस्सी से अवरोधकों को इधर-उधर खींचने का प्रयास किया।
लातिन आर्कडियोस आर्कबिशप थॉमस जे नेट्टो ने अपने संबोधन में कहा कि समुद्र उनकी माता है और वे ऐसी किसी निर्माण गतिविधि नहीं होने देंगे जो उसके तट को नष्ट करती हैं।
केरल के मात्स्यिकी मंत्री वी अब्दुरहीमान ने इन खबरों का खंडन किया कि तटीय लोगों के प्रदर्शन के चलते विझिंजम का निर्माण कार्य रोक दिया गया है। उन्होंने दिल्ली में कहा कि कि मानसून के चलते के चलते शायद यह काम रूका हो लेकिन विझिंजम जैसी परियोजना अचानक रोकना संभव नहीं है।
भाषा राजकुमार पवनेश
पवनेश
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