पटियाला में भारी बारिश के बाद बाढ़ का अलर्ट जारी, ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह

पटियाला में भारी बारिश के बाद बाढ़ का अलर्ट जारी, ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह

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  • Publish Date - August 29, 2025 / 11:36 AM IST,
    Updated On - August 29, 2025 / 11:36 AM IST

पटियाला, 29 अगस्त (भाषा) पटियाला जिला प्रशासन ने जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के बाद घग्गर नदी के आसपास के कई निचले इलाकों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया है।

राजपुरा के उप-मंडल मजिस्ट्रेट अविकेश गुप्ता के अनुसार, ऊंटसर, नन्हेड़ी, संजरपुर, लाछड़ू, कमालपुर, रामपुर, सौंटा, माड़ू और चमारू गांवों के निवासियों को सतर्क रहने और नदी के पास जाने से बचने की सलाह दी गई है। लोगों से किसी भी आपात स्थिति में राजपुरा बाढ़ नियंत्रण कक्ष से संपर्क करने के लिए कहा गया है।

पंजाब 1988 के बाद सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के साथ-साथ कई छोटी नदियां भी उफान पर हैं, जिससे बड़े पैमाने पर फसलें और गांव जलमग्न हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में कई दिनों हुई तक भारी बारिश के कारण यह स्थिति बनी है।

प्रदेश में पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जिलों के गांव बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जिला अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। वह शुक्रवार को चंडीगढ़ में एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे, जिसमें बाढ़ की स्थिति की समीक्षा और राहत कार्यों की प्रगति का आकलन किया जाएगा।

इसी बीच, पटियाला के दूधन साधा के उप-मंडल मजिस्ट्रेट कृपालवीर सिंह ने भसमड़ा, जलाहखेड़ी और राजू खेड़ी गांवों के निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी है। पटियाला की उप-मंडल मजिस्ट्रेट हरजोत कौर मावी ने हडाणा, पुर और सिरकप्पड़ा गांवों के लिए भी परामर्श जारी किया है।

पटियाला जिला नियंत्रण कक्ष को सक्रिय कर दिया गया है, और किसी भी सहायता के लिए लोग हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

प्रशासन ने निवासियों से अपील की है कि वे अफवाहें न फैलाएं और न ही उन पर विश्वास करें। जलस्तर में किसी भी वृद्धि की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।

पटियाला में 1993 में भी भीषण बाढ़ आई थी, जिसमें राजपुरा और समाना के बड़े हिस्से डूब गए थे और हजारों लोग विस्थापित हुए थे। 2023 में भी भारी मानसूनी बारिश के कारण पटियाला के कई गांवों में बाढ़ आई थी, जिससे फसलों, घरों और बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान हुआ था।

अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में बाढ़ नियंत्रण प्रणाली पहले की तुलना में कहीं अधिक मजबूत है, लेकिन जान-माल के नुकसान से बचने के लिए समय पर सतर्कता और सावधानी अत्यंत आवश्यक है।

भाषा खारी शोभना

शोभना