इंफाल, 16 अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य लीशेम्बा सनाजाओबा ने बुधवार को कहा कि मेइती लोगों के पवित्र स्थल थांगजिंग जाने पर कुछ समूहों की ओर से लगाया गया प्रतिबंध संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
सनाजाओबा ने कहा कि मेइती लोगों के लिए लंबे समय तक इस तरह के प्रतिबंधों को बर्दाश्त करना कठिन होगा, क्योंकि थांगजिंग का समुदाय के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है।
मणिपुर के पूर्व शाही परिवार के सदस्य सनाजाओबा ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘केंद्र द्वारा दोनों पक्षों के बीच शांति प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है। ऐसे समय में जब शांति बहाल करने के लिए सहमति बन गई है, इस तरह के घटनाक्रम (थांगजिंग जाने पर प्रतिबंध) दुर्भाग्यपूर्ण हैं।’’
उन्होंने आगाह करते हुए कहा, ‘‘केंद्र सरकार उचित कदम उठा सकती है और उसे उठाने भी चाहिए। अगर सशस्त्र उपद्रवियों और कुछ अड़ियल संगठनों को मनमानी करने की इजाजत दी गई, तो शांति स्थापित करना मुश्किल होगा तथा स्थिति और बिगड़ेगी।’’
इससे पहले, 14 अप्रैल को समुदाय के वरिष्ठ नागरिकों की सलाह पर बड़ी संख्या में मेइती समुदाय के सदस्यों ने चुराचांदपुर जिले में थांगजिंग पहाड़ियों पर जाने की अपनी योजना रद्द कर दी थी और विष्णुपुर जिले में मोइरांग से घर लौट आए थे। उन्होंने यह फैसला कुकी-जो समूहों द्वारा तीर्थयात्रियों को ‘बफर जोन’ पार करने के खिलाफ चेतावनी देने और प्रदर्शन करने के बाद किया था।
विष्णुपुर जिले के मोइरांग शहर और थांगजिंग पहाड़ियों के बीच की दूरी 10 किलोमीटर से अधिक है।
मई 2023 में मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहने वाले मेइती और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी समुदायों के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक कम से कम 260 लोगों की मौत हो चुकी है।
भाषा धीरज पारुल
पारुल
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