गुहावाटी, 15 दिसंबर (भाषा) असम गण परिषद के संस्थापक सदस्य और पूर्व मंत्री पबिन्द्र डेका ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। वह संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध करने के कारण पार्टी में दरकिनार किए जाने को लेकर नाराज थे।
डेका पताचारकुची विधानसभा क्षेत्र से एजीपी के विधायक हैं। एजीपी असम में भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार में शामिल है।
डेका ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने आज एजीपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया… पिछले साल जब नागरिकता संशोधन विधेयक दूसरी बार संसद में रखा गया, तब एजीपी चुप रही और राज्यसभा में पार्टी के एकमात्र सदस्य बिरेंद्र प्रसाद बैश्य ने उसके पक्ष में मतदान किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी में उसके (विधेयक के) खिलाफ मैं अकेला व्यक्ति था और सार्वजनिक रूप से उसका विरोध किया। उसके लिए पार्टी नेतृत्व ने मुझे सजा दी और मुझे दरकिनार कर दिया।’’
उन्होंने यह भी कहा कि एजीपी के नेतृत्व में क्षेत्रवाद सुरक्षित नहीं है और यह भी उनके पार्टी छोड़ने की वजहों में से एक है।
यह पूछने पर कि क्या वह किसी दूसरी पार्टी में शामिल होंगे, डेका ने कहा, ‘‘मैं 2021 का विधानसभा चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैंने अभी तक तय नहीं किया कि किस पार्टी में शामिल होना है।’’
डेका के करीबी सूत्रों ने बताया कि संभावना है कि डेका नव-गठित असम जातिय परिषद में शामिल होंगे। परिषद का गठन ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन और असोम जातियताबादी युवा छात्र परिषद ने संयुक्त रूप से किया है।
डेका एजीपी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और प्रफुल्ल कुमार महंत के नेतृत्व में 1985 से 1990 तक बनी एजीपी की पहली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे।
भाषा अर्पणा मनीषा
मनीषा