रामगढ़, नौ फरवरी (भाषा) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह जिले रामगढ़ में उनके नेमरा गांव के समीपवर्ती चिकड़ एवं संग्रामपुर गांवों के भी कम से कम चार श्रमिक उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने की रविवार की घटना में लापता हो गये हैं जो एनटीपीसी के तपोवन विद्युत परियोजना में काम कर रहे थे।
रामगढ़ के उपायुक्त संदीप सिंह ने चिकड़ गांव के तीन और संग्रामपुर गांव के एक मजदूर के चमोली की प्राकृतिक आपदा में लापता होने की पुष्टि की है लेकिन स्थानीय मुखिया रूपा देवी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि इस आपदा में क्षेत्र के छह मजदूर लापता हुए हैं।
इस बीच ग्रामीण रिंकी देवी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उनके पति बिरसे महतो तीन अन्य मजदूरों के साथ इस वर्ष छह जनवरी को एनटीपीसी की परियोजना में काम करने चमोली गये थे। उसने बताया कि शनिवार रात को अपने पति से उसकी बातचीत हुई थी लेकिन रविवार की सुबह से उनका फोन बंद था। कुछ श्रमिकों के परिजन आज उत्तराखंड के लिए रवाना भी हो गये।
सोरेन ने सोमवार को राज्यवासियों को आश्वस्त किया था कि राज्य के लापता मजदूरों की सरकार हर संभव मदद करेगी।
भाषा, संवाद, इन्दु, देवेंद्र राजकुमार
राजकुमार
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