भीषण ठंड का कहर, सड़क हादसे में चार लोगों की मौत, मची चीख-पुकार
भीषण ठंड का कहर, सड़क हादसे में चार लोगों की मौत, मची चीख-पुकार! Four people died in a horrific road accident
Four people died
नयी दिल्ली: Four people died in a horrific road accident उत्तर भारत में भीषण ठंड का कहर जारी है जहां अधिकतर जगह सोमवार सुबह कोहरे की घनी परत छाई रही। घने कोहरे के कारण उत्तर प्रदेश में हुए एक सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। राष्ट्रीय राष्ट्रधानी में लगातार पांचवें दिन शीतलहर का कहर जारी रहा और दृश्यता 25 मीटर तक पहुंच गई, जबकि पारा पर्वतीय पर्यटक स्थलों चंबा, डलहौली, धर्मशाला और नैनीताल से भी नीचे गिर गया। कोहरे के कारण रेलगाड़ियां घंटों की देरी से चल रही हैं तो हवाई यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सर्दी के सितम के चलते स्कूलों में शीतकालीन अवकाश की अवधि बढ़ा दी गई है और गलनभरी ठंड के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
Four people died in a horrific road accident मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दो पश्चिमी विक्षोभों के बीच एक बड़े अंतर के कारण भीषण ठंड का लंबा दौर देखने को मिला, जिसका मतलब है कि बर्फ से ढके पहाड़ों से ठंडी हवाएं सामान्य से अधिक समय तक चलीं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया कि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआई) के पास पालम वेधशाला में दृश्यता 50 मीटर और सफदरजंग वेधशाला में दृश्यता 25 मीटर दर्ज की गई। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि कोहरे के कारण 267 ट्रेन अपने तय समय से देरी से चल रही हैं। आईजीआई पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि कोहरे के कारण पांच उड़ानों के मार्ग में परिवर्तन किया गया और 30 ने देरी से उड़ान भरी।
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ओडिशा में भी शीतलहर का कहर जारी है और वहां कोरापुट जिले के सिमिलिगुड़ा में न्यूनतम तापमान 3.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राज्य के 14 मौसम केंद्रों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुंदरगढ़ में तापमान 4.3 डिग्री सेल्सियस, फूलबनी में 4.9 डिग्री सेल्सियस और झारसुगुड़ा में 7.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राजधानी भुवनेश्वर में न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.7 डिग्री कम 12.5 डिग्री सेल्सियस। जम्मू-कश्मीर में ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में हल्की बूंदाबांदी ने कश्मीर में शीतलहर से लोगों को थोड़ी राहत मिली। घाटी के अधिकतर हिस्सों में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु के आसपास रहा। अधिकारियों ने बताया कि गुलमर्ग, सोनमर्ग-जोजिला अक्ष और कुपवाड़ा के माछिल जैसे पहाड़ी इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी हुई। घाटी के कई मैदानी इलाकों में रात में हल्की बूंदाबांदी हुई।
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उन्नाव जिले के औरास क्षेत्र में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सोमवार सुबह घने कोहरे के कारण एक बस के ट्रक से टकरा जाने से बस में सवार चार लोगों की मौत हो गई। उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों में पंजाब, उत्तर-पश्चिम राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार तक कोहरे की परत छाई दिखाई दी। दिल्ली में न्यूनतम तापमान में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई। सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो रविवार को 1.9 डिग्री सेल्सियस रहा था। रविवार को दर्ज तापमान दो साल में सबसे कम और 2013 के बाद से इस महीने का दूसरा सबसे कम तापमान था। लोधी रोड, आयानगर और रिज के मौसम केंद्रों में न्यूनतम तापमान क्रमश: 3.6 डिग्री सेल्सियस, 3.2 डिग्री सेल्सियस और 3.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सफदरजंग वेधशाला में रविवार को न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस, शनिवार को 2.2 डिग्री सेल्सियस, शुक्रवार को चार डिग्री सेल्सियस, बृहस्पतिवार को तीन डिग्री सेल्सियस और बुधवार को 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था।
आईएमडी के अनुसार, दिल्ली में लगातार पांचवे दिन शीतलहर का कहर जारी रहा और न्यूनतम तापमान चंबा (8.7 डिग्री सेल्सियस), डलहौजी (नौ डिग्री सेल्सियस), धर्मशाला (9.2 डिग्री सेल्सियस), शिमला (10.3 डिग्री सेल्सियस), मनाली (छह डिग्री सेल्सियस), कांगड़ा (8.9 डिग्री सेल्सियस), देहरादून (6.5 डिग्री सेल्सियस), मसूरी (11.3 डिग्री सेल्सियस), नैनीताल ( छह डिग्री सेल्सियस), मुक्तेश्वर (7.6 डिग्री सेल्सियस) और टिहरी (9.2 डिग्री सेल्सियस) जैसे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ इलाकों से भी कम रहा। दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रकोप के कारण स्कूलों की छुट्टी 15 जनवरी तक बढ़ा दी है और निजी स्कूलों को भी ऐसा करने की सलाह दी है।
‘स्काईमेट वेदर’ के मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन संबंधी विभाग के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, ‘‘ दो पश्चिमी विक्षोभों के बीच एक बड़े अंतर के कारण भीषण ठंड का लंबा दौर देखने को मिला जिस कारण बर्फ से ढके पहाड़ों से ठंडी हवाएं सामान्य से अधिक समय मैदानी इलाकों की तरह बह रही हैं।’’ पलावत ने बताया कि आमतौर पर दो पश्चिमी विक्षोभ के बीच तीन से चार दिन का अंतर होता है, लेकिन इस बार यह समय बढ़कर सात दिन हो गया है। एक पश्चिमी विक्षोभ 30 दिसंबर को क्षेत्र से लौटा था और दूसरा सात जनवरी को क्षेत्र में पहुंचा। आईएमडी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि कुछ दिन बाद, एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है। आईएमडी ने कहा कि कोहरे के कारण हादसे अधिक होने की आशंका रहती है इसलिए लोगों से धीरे गाड़ी चलाने और ‘फॉग लाइट’ का इस्तेमाल करने को कहा गया है। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों से संबंधित अन्य समस्याओं से पीड़ित लोगों को कोहरे के कारण श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

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