‘जी राम जी विधेयक’ प्रतिगामी कानून है, ग्रामीण श्रमिकों के साथ विश्वासघात करता है: एसकेएम

‘जी राम जी विधेयक’ प्रतिगामी कानून है, ग्रामीण श्रमिकों के साथ विश्वासघात करता है: एसकेएम

‘जी राम जी विधेयक’ प्रतिगामी कानून है, ग्रामीण श्रमिकों के साथ विश्वासघात करता है: एसकेएम
Modified Date: December 18, 2025 / 01:03 am IST
Published Date: December 18, 2025 1:03 am IST

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बुधवार को कहा कि ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक’ ‘‘सबसे प्रतिगामी कानून’’ है जो ग्रामीण श्रमिकों और किसान परिवारों के साथ विश्वासघात करता है और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) द्वारा सुनिश्चित रोजगार के उनके वैधानिक अधिकार को छीन लेता है।

यहां जारी एक बयान में, किसान संघों के एक प्रमुख संगठन एसकेएम ने कहा कि मनरेगा को निरस्त करने के बजाय, केंद्र सरकार को शहरी क्षेत्रों में व्याप्त बेरोजगारी की समस्या से निपटने और रोजगार को एक वैधानिक अधिकार बनाने के लिए इसी तरह का कानून बनाना चाहिए।

सरकार ने विपक्ष के तीखे विरोध के बीच मंगलवार को लोकसभा में ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ पेश किया था, जो मनरेगा के स्थान पर लाया गया है।

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एसकेएम ने पूरे भारत में श्रमिकों, किसानों, युवाओं, छात्रों, महिलाओं, दलितों और आदिवासियों से मनरेगा की रक्षा और उसे मजबूत करने के लिए आगे आने का आह्वान किया है।

भाषा

देवेंद्र शफीक

शफीक


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