G20 Summit 2023 Costs: चंद्रयान मिशन जितना ही खर्च G20 समिट पर.. जाने अब तक हुए समिट में सबसे महंगा कौन सा
G20 Summit 2023 Costs
नई दिल्ली: दुनियाभर के प्रतिनिधि और राष्ट्राध्यक्ष देश की राजधानी में जी20 के लिए जुटे हुए है। जाहिर है जब प्रधानमंत्री के एक दौरे पर करोड़ो रुपये का खर्च आता है तो यह सोचने वाली बात है कि देश देश से आएं नेताओं के स्वागत और उनके ठहराव पर कितना खर्च आता होगा। (G20 Summit 2023 Costs) जाहिर है हर भारतीय के दिमाग में यह बात कौंध रहा होगा। तो चलिए हम बताते है कि यह समिट कितना खर्चीला है और दुसरे देश में हुए समिट में कितना खर्च अबतक आया। आमतौर पर माना जाता है कि भारत आंतरिक्ष मिशन सहित अन्य काम काफी सस्ते में करता है। तो हम इस पूरे आयोजन की तुलना अपने चंद्रयान मिशन से करेंगे और जानेंगे इनकी लागत।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में किसकी सरकार बनाएंगे आप, इस सर्वे में क्लिक करके बताएं अपना मत
जानिए सभी चन्द्रयान मिशन की लागत
- चन्द्रयान 3 : की लागत 74 मिलियन डॉलर
- चन्द्रयान 2 : की लागत 96.5 मिलियन डॉलर
- चन्द्रयान 1 : की लागत 80 मिलियन डॉलर
अगर आपके भी मन में यह सवाल है तो सही है। क्योंकि बहुत से लोग यह जानना चाह रहे हैं कि आखिर भारत ने इस पर कितना खर्च किया है, और यह अन्य देशों में हुए जी20 सम्मेलन से ज्यादा है या कम। दुनिया में सबसे सस्ता आंतरिक्ष मिशन भारत का रहा है, लेकिन जी20 के आयोजन के मामले में केवल 3 देश इससे कम खर्च में यह आयोजन कर सके हैं। हालांकि भारत कई देशों से कम खर्च में जी20 का आयोजन कर रहा है।
वैसे आपको जानकार आश्चर्य होगा, भारत ने कई देशों से कम खर्च में यह शानदार आयोजन करके दिखा दिया है। अगर 2010 से देखा जाए तो अभी तक 9 जी20 आयोजनों का लेखाजोखा सामने है। इनमें से भारत का खर्च काफी कम है। The World Ranking ने अपने ट्वीटर अकाउंट से यह जानकारी दी है। इसके हिसाब से भारत 120 मिलियन डालर जी20 के आयोजन पर खर्च कर रहा है। वहीं 2010 से लेकर अभी हुए 9 जी20 सम्मेलन में भारत से कम खर्च केवल 3 देशों ने किया है। बाकी देशों ने भारत से ज्यादा खर्च जी20 सम्मेलनों पर खर्च किया है। चीन ने तो 24 बिलियन डॉलर तक खर्च कर दिया था।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में किसकी सरकार बनाएंगे आप, इस सर्वे में क्लिक करके बताएं अपना मत
जानिए 2010 से लेकर अभी हुए जी20 सम्मेलनों पर आया खर्च
- 2023: भारत 120 मिलियन डॉलर
- 2022: इंडोनेशिया 33 मिलियन डॉलर
- 2019: जापान 320 मिलियन डॉलर
- 2018: अर्जेंटीना 112 मिलियन डॉलर
- 2017: जर्मनी 94 मिलियन डॉलर
- 2016: चीन 24 बिलियन डॉलर
- 2014: ऑस्ट्रेलिया 320 मिलियन डॉलर
- 2011: फ्रांस 86 मिलियन डॉलर
- 2010: कनाडा 1 बिलियन डॉलर
स्रोत : वर्ल्ड रैंकिंग

Facebook



