GBS in Maharashtra: प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे GBS के मामले, फिर मिले 2 नए मरीज, अब तक 8 लोगों की मौत
GBS in Maharashtra: महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से गिलियन बैरी सिंड्रोम (GBS) बीमारी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस बीमारी के मरीज लगातार
GBS in Maharashtra/ Image Credit: Meta AI
- महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से गिलियन बैरी सिंड्रोम (GBS) बीमारी के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
- GBS के चलते राज्य में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।
- हाल ही में GBS के 2 नए केस दर्ज किए गए हैं।
मुंबई: GBS in Maharashtra: महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से गिलियन बैरी सिंड्रोम (GBS) बीमारी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस बीमारी के मरीज लगातार सामने आ रहे हैं। GBS के चलते राज्य में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हाल ही में 2 नए केस दर्ज किए गए हैं। वहीं दूसरी तरफ लोगों के लिए एक अच्छी खबर भी सामने आई है। दरअसल, इस बीमारी से जूझ रही 64 वर्षीय महिला ने पूरी तरह से ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी ले ली है। मुंबई के अंधेरी ईस्ट की रहने वाली इस बुजुर्ग महिला को जनवरी 2025 में सेवन हिल्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें तेज बुखार और डायरिया की समस्या थी, जिसके चलते परिजनों ने 21 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया।
दो हफ्ते तक बुखार और डायरिया के बाद महिला को अचानक पैरालिसिस होने लगा, जिसके बाद ICU में उनका इलाज किया गया। अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, लगातार इलाज के बाद उनकी हालत में सुधार हुआ और शुक्रवार को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।
क्या है GBS?
GBS in Maharashtra: गिलियन बैरी सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली खुद की तंत्रिका तंत्र पर हमला करती है। यह संक्रमण के बाद विकसित हो सकती है, लेकिन यह कोई संक्रामक बीमारी नहीं है। इसकी वजह से मरीज को अचानक कमजोरी, हाथ-पैर में सुन्नपन और गंभीर मामलों में पैरालिसिस हो सकता है।
क्या है GBS के लक्षण
अचानक हाथ-पैरों में कमजोरी या लकवा
चलने में कठिनाई या अचानक संतुलन खोना
लंबे समय तक रहने वाला डायरिया और बुखार
कैसे करें GBS से बचाव?
GBS in Maharashtra: उबला हुआ पानी पिएं।
ताजा और साफ भोजन करें।
व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें।
पके और कच्चे खाने को अलग-अलग रखें।
अस्पताल जाएं और डॉक्टर से सलाह लें।
GBS एक गंभीर बीमारी हो सकती है, लेकिन सही समय पर इलाज मिलने से मरीज ठीक हो सकता है। इसलिए लक्षणों को नज़रअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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