जनरल नरवणे को पूर्वी लद्दाख में उत्तरी विरोधी को करार जवाब देने के लिए याद किया जाएगा : सरकार |

जनरल नरवणे को पूर्वी लद्दाख में उत्तरी विरोधी को करार जवाब देने के लिए याद किया जाएगा : सरकार

जनरल नरवणे को पूर्वी लद्दाख में उत्तरी विरोधी को करार जवाब देने के लिए याद किया जाएगा : सरकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : May 1, 2022/1:21 am IST

नयी दिल्ली,30 अप्रैल (भाषा) रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि जनरल एम एम नरवणे ने थल सेना प्रमुख के अपने कार्यकाल के दौरान भारत की रक्षा क्षमताओं और तैयारियों को मजबूत करने में योगदान दिया।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उनके कार्यकाल को पूर्वी लद्दाख में उत्तरी विरोधी को ‘‘करारा जवाब’’ देने और भविष्य के युद्धों को लड़ने में विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को अपनाने के अलावा रक्षा क्षेत्र में आत्म-निर्भरता की ओर प्रयास करने के लिए याद किया जाएगा।

जनरल नरवणे सेना के 42 साल के लंबे उत्कृष्ट करियर के बाद शनिवार को सेवानिवृत्त हो गये। नरवणे का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, जनरल मनोज पांडे 29वें थल सेना प्रमुख बने हैं।

रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के साथ शानदार बैठक हुई, जो 42 साल राष्ट्र की सेवा करने के बाद आज सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। एक सैन्य नेतृत्वकर्ता के तौर पर उनके योगदान ने भारत की रक्षा क्षमताओं और तैयारियों को मजबूत किया है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं भविष्य के उनके कार्यों में सफल होने की शुभकमाना देता हूं। ’’

जनरल नरवणे ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की, जो सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर हैं।

रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘उनका कार्यकाल कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय सेना के कर्मियों को स्वस्थ रखने, पूर्वी लद्दाख में उत्तर की ओर से मिली चुनौती का मजबूत जवाब देने अैर भविष्य के युद्धों से लड़ने में विशिष्ट प्राद्योगिकियों को अपनाने के अलावा आत्मनिर्भरता की ओर प्रयास करने के लिए याद किया जाएगा।’’

जनरल नरवणे ने 31 दिसंबर 2019 को थल सेना प्रमुख का प्रभार संभाला था।

भाषा गोला धीरज

धीरज

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