यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में लड़कियों ने फिर बाजी मारी

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में लड़कियों ने फिर बाजी मारी

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में लड़कियों ने फिर बाजी मारी
Modified Date: April 25, 2023 / 02:57 pm IST
Published Date: April 25, 2023 2:57 pm IST

प्रयागराज, 25 अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की 2023 की हाईस्कूल की परीक्षाओं में एक बार फिर बालिकाओं ने बाजी मारी। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाली बालिकाओं का प्रतिशत 93.34 रहा, जबकि लड़कों का उत्तीर्ण प्रतिशत 86.64 रहा।

यूपी बोर्ड के सभागार में वर्ष 2023 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के परिणामों की घोषणा करते हुए शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि पिछले 100 वर्षों के इतिहास में सबसे पहले 25 अप्रैल, 2023 को परीक्षा परिणाम घोषित किया गया।

उन्होंने बताया कि हाईस्कूल की परीक्षा में कुल 28,63,621 परीक्षार्थी शामिल हुए जिनमें 25,70,987 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। उन्होंने कहा कि हाईस्कूल के परीक्षार्थियों का उत्तीर्ण प्रतिशत 89.78 रहा।

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डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि इसी तरह, इंटरमीडिएट की परीक्षा में बालकों का उत्तीर्ण प्रतिशत 69.34 रहा, जबकि बालिकाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत 83 रहा। उन्होंने कहा कि इंटरमीडिएट की परीक्षा में कुल 25,71,002 परीक्षार्थी शामिल हुए जिनमें से कुल 19,41,717 परीक्षार्थी यानी 75.52 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण घोषित किए गए।

उन्होंने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 18 मार्च, 2023 से 31 मार्च, 2023 के बीच विभिन्न जनपदों में निर्धारित कुल 258 मूल्यांकन केंद्रों पर संपन्न हुआ।

देव ने बताया कि इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 54,224 परीक्षकों द्वारा किया गया, जबकि हाईस्कूल की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 89,698 परीक्षकों ने किया।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा में 8753 परीक्षा केंद्रों के लगभग 1.43 लाख परीक्षा कक्षों और परिसर में तीन लाख से अधिक वॉयस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे जिससे कि नकल विहीन परीक्षा सुनिश्चित हो सके।

देव ने कहा कि पिछले 30 वर्षों में यह पहला अवसर है कि न तो कोई प्रश्न पत्र लीक हुआ और न ही प्रश्न पत्रों का कोई गलत बंडल खुला जिसके परिणामस्वरूप पुनः परीक्षा नहीं करानी पड़ी।

भाषा राजेंद्र नेत्रपाल

नेत्रपाल


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