‘बेचे जाओ पार्टी’ सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को संपूर्ण रूप से बेचना चाहती है: कांग्रेस

‘बेचे जाओ पार्टी’ सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को संपूर्ण रूप से बेचना चाहती है: कांग्रेस

‘बेचे जाओ पार्टी’ सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को संपूर्ण रूप से बेचना चाहती है: कांग्रेस
Modified Date: November 29, 2022 / 08:49 pm IST
Published Date: June 28, 2022 4:17 pm IST

नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को संपूर्ण रूप से बेचना चाहती है जिस कारण उसे ‘बेचे जाओ पार्टी’ कहना उचित रहेगा।

पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह दावा भी किया कि सार्वजनिक इकाइयों को बेचने का मकसद सिर्फ उनकी भूमि को हड़पना है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मोदी सरकार के अंधाधुंध निजीकरण और भारत को बिक्री के लिए रखने की इसकी योजना अब भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ा खतरा बन गई है। मोदी सरकार अब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के बाद पूरी तरह से इन बैंकों से पल्ला झाड़ने के लिए तैयार है – इस बिना सोची समझी रणनीति के खतरनाक परिणाम होंगे।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘1969 में बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने के इंदिरा गांधी के साहसिक निर्णय ने न केवल कुछ निजी ऋणदाताओं के एकाधिकार को तोड़ा बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि बैंकिंग सेवाएं देश के अंतिम छोर तक पहुंचें।’’

सुप्रिया ने आरोप लगाया कि अब सरकार ने यह फैसला किया है कि वह सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी संपूर्ण रूप से बेच देगी।

उन्होंने एलआईसी के आईपीओ का हवाला देते हुए सवाल किया, ‘‘मूल्यांकन के लगभग एक तिहाई से अधिक के नुकसान के साथ एलआईसी का विनाशकारी आईपीओ लाने का क्या कारण है?

उन्होंने कई पीएसयू में विनिवेश का उल्लेख करते हुए यह आरोप लगाया कि सरकार का एकमात्र मकसद निजी कंपनियों के लिए भूमि हड़पना है।

सुप्रिया ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री एक ओर ‘अग्निवीरों’ की चार साल की सेवा समाप्त होने के बाद सार्वजनिक उपक्रमों में 10 प्रतिशत कोटा देने का वादा कर रहे हैं और दूसरी ओर सार्वजनिक उपक्रमों की बिक्री में तेजी ला रहे हैं। सरकार ने 41 आयुध कारखानों को बेच दिया है और डीआरडीओ को कमजोर किया जा रहा है।’’

भाषा हक हक मनीषा

मनीषा


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