गोवा मंदिर हादसा ‘रोका जा सकता था’: रिपोर्ट |

गोवा मंदिर हादसा ‘रोका जा सकता था’: रिपोर्ट

गोवा मंदिर हादसा ‘रोका जा सकता था’: रिपोर्ट

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Modified Date: May 14, 2025 / 11:28 AM IST
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Published Date: May 14, 2025 11:28 am IST

पणजी, 14 मई (भाषा) उत्तर गोवा जिले के एक मंदिर में तीन मई को हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए गोवा सरकार द्वारा नियुक्त तथ्यान्वेषण समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि इस भयावह घटना को पूरी तरह से रोका जा सकता था।

शिरगांव में श्री लइराई देवी मंदिर में वार्षिक उत्सव के दौरान तड़के मची भगदड़ में छह लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 100 लोग घायल हो गए थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह घटना खराब योजना, क्रियान्वयन में कमी, निर्देशों की अनदेखी और अपर्याप्त बुनियादी ढांचे का परिणाम थी। ‘पीटीआई-भाषा’ के पास इस रिपोर्ट की प्रति है।

भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए राजस्व सचिव संदीप जैक्स की अध्यक्षता वाली समिति ने इसमें कई अनुशंसाएं भी की हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ क्षेत्र के दौरों, प्रत्यक्षदर्शियों, घायलों, आयोजकों, कार्यकारी मजिस्ट्रेटों, पुलिस अधिकारियों से बातचीत और उपलब्ध दस्तावेजों के अवलोकन के आधार पर समिति ने पाया कि भगदड़ की घटना पक्षकारों की ओर से हुई चूक और अनदेखी की वजह से हुई।’’

इसमें कहा गया है कि भगदड़ का तात्कालिक कारण ‘ताली’ (पवित्र तालाब) से ‘होमखंड’ (जहां अनुष्ठान के लिए अग्नि जलाई जाती है) तक ढलान वाले रास्ते पर अत्यधिक भीड़ होना था, विशेष रूप से स्थानीय आरबीएल बैंक शाखा के पास ढलान के ऊपरी छोर पर।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ढोंडों (श्रद्धालुओं) के बर्ताव और भीड़ नियंत्रण के उचित उपाय नहीं होने के कारण स्थिति और बिगड़ गई।

श्रद्धालुओं को ताली से प्रवेश करने की अनुमति दी गई, जिसके कारण ढलान पर लोगों की भीड़ जमा हो गई।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ अत्यधिक भीड़, कुछ श्रद्धालुओं द्वारा भीड़ को चीरकर आगे बढ़ने का प्रयास करना तथा उनके मनमाने बर्ताव के कारण ढलान से उतर रहे श्रद्धालुओं का संतुलन बिगड़ा।’’

इसमें कहा गया है कि एक महिला ढलान पर मुंह के बल गिरी, इसके बाद धक्का लगने से लोग एक के बाद एक गिरने लगे।

रिपोर्ट के अनुसार, पीछे से आ रही भीड़ को इस बात का अहसास ही नहीं हुआ कि आगे लोग गिर रहे हैं और भीड़ आगे बढ़ती रही तथा इसी क्रम में लोग गिरते रहे जिससे भगदड़ मच गई।

घटना में घायल हुए कुछ लोगों ने समिति को बताया कि अतीत में भी इसी प्रकार की छोटी-मोटी घटनाएं हो चुकी हैं।

रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है, ‘‘ पिछले साल एक अन्य मामले में एक महिला की मौत कथित तौर पर रास्ते के ढलान वाले हिस्से पर दम घुटने से हुई थी। हालांकि, समिति को ऐसी किसी घटना की पुष्टि करने वाला कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।’’

समिति ने कहा कि आयोजकों, जिला प्रशासन और जिला पुलिस को पिछली घटनाओं की समीक्षा करनी चाहिए थी और पर्याप्त एहतियाती उपाय करने चाहिए थे।

सरकार ने घटना के तुरंत बाद जिला मजिस्ट्रेट और जिला पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया था।

भाषा शोभना मनीषा

मनीषा

 

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