Goat bone was used for ear surgery for the first time in India

यहां के डॉक्टरों का कमाल, कान की सर्जरी के लिए बकरी की हड्डी का किया इस्तेमाल, 25 मनुष्यों की शारीरिक विकृतियों को किया गया दूर

Goat bone was used for ear surgery for the first time in India

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : June 15, 2022/4:47 pm IST

कोलकाताः  Goat bone was used for ear surgery पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार द्वारा संचालित एक मेडिकल कॉलेज के अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम ने बकरी की कान की हड्डियों का उपयोग कर कम से कम 25 मनुष्यों में शारीरिक विकृतियों को ठीक करने में सफलता पाई है।

Read more :  बॉयफ्रेंड ने प्यार में दिया धोखा, गर्लफ्रेंड को नदी में कूदा दिया, खुद हो गया फरार 

Goat bone was used for ear surgery आर जी कार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चिकित्सकों और वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ एनिमल एंड फिशरी साइंसेज के वैज्ञानिकों ने मानव की कान के बाहरी हिस्से में विकृति (माइक्रोटिया), कटे होंठ और दुर्घटना से हुई अन्य शारीरिक विकृतियों को ठीक करने के लिए बकरी की कान की हड्डियों (उपास्थि) का उपयोग किया। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में इलाज का खर्च बहुत कम आएगा।

Read more :  राहुल साहू से मिलने पहुंचे CM भूपेश बघेल, परिजनों से भी की मुलाकात, कहा- राहुल की पढ़ाई की व्यवस्था करेगी छत्तीसगढ़ सरकार 

आर जी कार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. डॉ. रूप नारायण भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘कटे होंठ और घुमावदार कान जैसी विकृतियों को ठीक कराने के लिए प्लास्टिक सर्जरी की जरूरत पड़ती है। यह प्रक्रिया न केवल खर्चीली है बल्कि मुश्किल भी है। ऐसे उदाहरण हैं, जिनमें मानव शरीर प्लास्टिक और सिलकॉन प्रतिरोपण को लंबे समय तक सहेज कर नहीं रख पाते हैं। ’’

Read more :  दुर्घटनाग्रस्त हुई यात्री बस, घायल हुए 20 से ज्यादा लोग, इलाज के लिए ले जाया गया अस्पताल 

पशु चिकित्सा सर्जन डॉ शमित नंदी और माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ सिद्धार्थ जोरदार ने कहा कि मानव शरीर के लिए सिलकॉन और प्लास्टिक प्रतिरोपण के आसानी से उपलब्ध एक विकल्प की 2013 से ही तलाश की जा रही थी। अनुसंधान के लिए परियोजना को केंद्र के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने वित्त उपलब्ध कराया।