Govt Employee Duty Time: सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी टाइम में बदलाव! अब इतने बजे तक पहुंच सकेंगे दफ्तर, इस वजह से सरकार ने लिया बड़ा फैसला
सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी टाइम में बदलाव! Government Employees Duty Timings Changed Due to Heavy Traffic
Govt Employee Duty Time. Image Source -IBC24
- सरकारी कर्मचारी अब सुबह 10:30 बजे तक ऑफिस आ सकते हैं।
- काम के घंटे पूरे करने के लिए उन्हें यह आधा घंटा कार्य दिवस के अंत में जोड़ना होगा।
- यह कदम प्रायोगिक रूप से लागू किया गया है, जिसके परिणामों का आकलन बाद में किया जाएगा।
मुंबईः Govt Employee Duty Time: किसी भी शहर में सुबह 9 से 11 बजे के समय को ट्रैफिक का पीक टाइम माना जाता है। इस समय सभी सरकारी और निजी संस्थानों के कर्मचारी अपने-अपने दफ्तरों के लिए रवाना होते हैं। यहीं वजह है कि बस, ट्रेन के साथ-साथ अन्य सार्वजनिक यातायात साधनों पैर रखने तक की जगह नहीं होती है। कई कर्मचारी समय अपने दफ्तर नहीं पहुंच पाते हैं, जिससे उन्हें सैलरी कटने सहित अन्य तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस बीच अब महाराष्ट्र ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने सुबह आधा घंटा देर से ऑफिस आने की अनुमति दी है। यानी अब सरकारी कर्मचारी सुबह 10।30 बजे तक ऑफिस पहुंच सकेंगे।
Govt Employee Duty Time: दरअसल, मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों में बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने अनूठा कदम उठाया है। राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने बुधवार को विधानसभा में घोषणा की कि सरकारी कर्मचारियों को अब सुबह आधा घंटा देर से ऑफिस आने की अनुमति होगी। इस कदम का मकसद सुबह और शाम के पीक आवर्स के दौरान लोकल ट्रेनों में होने वाली भीड़ को कम करना है। सरनाईक ने बताया कि इस लचीले समय की व्यवस्था से कर्मचारी पीक आवर्स से बच सकेंगे, जिससे ट्रेनों में यात्रियों का दबाव कम होगा। हालांकि, कर्मचारियों को यह आधा घंटा कार्य दिवस के अंत में जोड़कर पूरा करना होगा, ताकि कुल कामकाजी समय पर कोई असर न पड़े। मुंबई की लोकल ट्रेनें प्रतिदिन लगभग 70 लाख यात्रियों को ढोती हैं और पीक आवर्स में ट्रेनों में पैर रखने की जगह तक नहीं मिलती।
कर्मचारियों को सुविधा, जोखिम होगा कम
सरकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में इन ट्रेनों से यात्रा करते हैं। इस नई नीति के तहत सरकारी कार्यालयों में सुबह 10 बजे के बजाय 10:30 बजे उपस्थिति दर्ज की जा सकती है। इस बदलाव से न केवल यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि ट्रेनों में असुविधा और दुर्घटनाओं का जोखिम भी कम होगा। इस बदलाव से दफ्तरों में कामकाज कितना प्रभावित होगा इसको लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।

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