संसद के मानसूत्र सत्र में इन योजनाओं पर घिरेगी केंद्र सरकार! विपक्ष बना रहा खास प्लान

central government will be targeted for these scheme in the Mansutra session of Parliament : संसद के मानसूत्र सत्र में इन योजनाओं पर घिरेगी..

संसद के मानसूत्र सत्र में इन योजनाओं पर घिरेगी केंद्र सरकार! विपक्ष बना रहा खास प्लान
Modified Date: November 29, 2022 / 08:40 pm IST
Published Date: July 14, 2022 1:51 pm IST

Mansutra session of Parliament : नई दिल्ली। देश के कुछ हिस्सों में ‘‘विरोध प्रदर्शन करने के चलते मकानों को ढहाए जाने’’, अग्निवीरों के लिए अर्धसैनिक बलों में नौकरी में आरक्षण, दंगे और पुलिस की गोलीबारी जैसे मुद्दे सोमवार से आरंभ हो रहे संसद के मानसूत्र सत्र के दौरान उठाए जा सकते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के संभावित प्रश्नों की सूची के मुताबिक कश्मीर घाटी में प्रवासियों और कश्मीरी पंडितों पर हमले, सूचना का अधिकार कार्यकर्ताओं की सुरक्षा, 2021 की जनगणना की स्थिति और विधिविरुद्ध क्रिया-कलाप (निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज मामले जैसे मुद्दे भी सांसदों द्वारा उठाए जा सकते हैं।

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‘‘विरोध प्रदर्शनों के कारण मकानों को गिराए जाने’’ का मुद्दा तारांकित प्रश्न के माध्यम से राज्यसभा में सूचिबद्ध किया गया है। प्रश्नकाल के दौरान तारांकित प्रश्नों के तहत सांसदों को पूरक प्रश्न पूछने का भी अवसर मिलता है। अतारांकित प्रश्नों का जवाब सरकार द्वारा लिखित में प्रदान किया जाता है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों में कई ऐसी घटनाएं सामने आईं जिनमें कथित तौर पर उग्र प्रदर्शनों में शामिल रहने वालों के घरों को प्राधिकारियों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया प्राधिकारियों का दावा था कि इन मकानों का निर्माण अवैध तरीके से हुआ था और जमीन संबंधी दस्तावेजों में भी अनियमितताएं थीं।

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अग्निवीरों के लिए आरक्षण का मुद्दा

‘‘अर्धसैनिक बलों में अग्निवीरों के लिए आरक्षण’’ का मुद्दा हालांकि अतारांकित प्रश्न के माध्यम से सूचिबद्ध किया गया है लेकिन इस बात की पूरी संभावना है कि विपक्षी दल इस मुद्दे को अन्य माध्यमों से भी उठाएं। केंद्र सरकार ने 14 जून को सेना में साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के युवाओं की रक्षा सेवाओं में भर्ती के लिए महत्वाकांक्षी ‘‘अग्निपथ’’ योजना आरंभ किए जाने की घोषणा की थी। इसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी और भर्ती होने वाले सैनिकों को ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा। चार साल की सेवा के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही नियमित सेवा में रहने का मौका दिया जाएगा।

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आतंकवादी हमलों की घटनाएं जैसे मुद्दे भी उठाए जाने की संभावना

इस योजना के विरोध में देश के कई हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में 10 नौकरियों में अग्निवीरों को आरक्षण दिया जाएगा। संसद के इस सत्र के दौरान अर्धसैनिक बलों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने, नक्सली हमले, दंगे, कर्फ्यू और पुलिस की गोलीबारी की वारदात, सीमापार से मादक द्रव्यों की तस्करी, आतंकवादी हमलों की घटनाएं जैसे मुद्दे भी उठाए जाने की संभावना है।

अर्धसैनिक बलों में नियुक्ति में हो रही देरी, जम्मू एवं कश्मीर में आतंकी घटनाएं, भारी बारिश के कारण हुई जान व माल की क्षति, केंद्र शासित लद्दाख में बेराजगारी का मुद्दा, जम्मू एवं कश्मीर में भूमि अधिग्रहण जैसे कुछ मुद्दे भी संभावित प्रश्नों के रूप में सूचिबद्ध हैं। समाज में बढ़ती धार्मिक कट्टरता, अर्धसैनिक बलों के कर्मियों का मानसिक स्वास्थ्य, बाढ़ व चक्रवातों से हुए नुकसान, केंद्र व राज्यों के संबंधों, जम्मू एवं कश्मीर में रोजगार की दर और अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों के खिलाफ अपराध के मामलों जैसे मुद्दे भी संसद के दोनों सदनों में उठाए जा सकते हैं।

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