सरकार की अपनी कानूनी सहायता योजना की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए स्वतंत्र ऑडिट की योजना

सरकार की अपनी कानूनी सहायता योजना की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए स्वतंत्र ऑडिट की योजना

सरकार की अपनी कानूनी सहायता योजना की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए स्वतंत्र ऑडिट की योजना
Modified Date: May 25, 2025 / 03:25 pm IST
Published Date: May 25, 2025 3:25 pm IST

नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) सरकार अपनी प्रमुख कानूनी सहायता योजना की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए एक स्वतंत्र ऑडिट कराने की योजना बना रही है। ये योजनाएं 2026 में समाप्त हो जाएंगी।

ऑडिट से 2026 के बाद योजनाओं को जारी रखने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

‘दिशा’ (भारत में न्याय तक समग्र पहुंच के लिए अभिनव समाधान तैयार करना) योजना, केंद्रीय विधि मंत्रालय के न्याय विभाग की एक योजना है, जिसका उद्देश्य न्याय तक पहुंच में सुधार करना है।

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योजना का मकसद विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों तक किफायती कानूनी सेवाएं उपलब्ध कराना है।

इस योजना का पांच वर्ष (2021-2026) की अवधि के लिए वित्तीय परिव्यय 250 करोड़ रुपये है।

कार्यक्रम की प्रभावशीलता का आकलन करने, संचालन में सुधार करने या बेहतरी लाने तथा 2026 के बाद जारी रखने का निर्धारण करने के लिए, न्याय विभाग अब ‘दिशा’ योजना का स्वतंत्र ऑडिट कराना चाहता है।

इसके लिए उसने एक ‘निविदा’ आमंत्रित करने से जुड़ा नोटिस जारी किया है।

भाषा शफीक संतोष

संतोष


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