अहमदाबाद। 2002 में हुए दंगों के दौरान नरोदा-पाटिया नरसंहार मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने 3 आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट की जस्टिस हर्षा देवानी और एस सुपेहिया की बेंच ने पीजे राजपूत, राजकुमार चौमल और उमेश भरवाद को सजा सुनाई।
इससे पहले हाईकोर्ट ने इस साल इसी मामले में 20 अप्रैल को दिए गए आदेश में भाजपा नेत्री और पूर्व मंत्री माया कोडनानी को बरी कर दिया था। जबकि बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को दोषी ठहराते हुए 21 साल की सजा सुनाई थी।
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वहीं 2012 के एक अन्य फैसले में भी 3 अन्य दोषियों पीजी राजपूत, राजकुमार चौमल और उमेश भरवाद सहित 29 अन्य को एसआईटी की विशेष अदालत ने बरी कर दिया था। लेकिन उच्च न्यायालय ने इन तीनों को दोषी पाते हुए 29 अन्य को बरी कर दिया था।
बता दें कि 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगियां जलाने के बाद अगले रोज ही गुजरात में दंगे भड़क उठे थे। 28 फरवरी को अहमदाबाद के नरोदा पाटिया इलाके में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी, जबकि इसमें 33 लोग घायल हुए थे।
वेब डेस्क, IBC24
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