गुजरात: मेवाणी ने ओबीसी, दलितों, मुसलमानों के खिलाफ मामले वापस लिये जाने की मांग की
गुजरात: मेवाणी ने ओबीसी, दलितों, मुसलमानों के खिलाफ मामले वापस लिये जाने की मांग की
गांधीनगर, 12 मार्च (भाषा) कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने बुधवार को गुजरात विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार को आदिवासियों, ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग), दलितों और मुसलमानों के खिलाफ मामले वापस लेने पर वैसे ही विचार करना चाहिए, जैसे उसने पाटीदार आंदोलनकारियों के खिलाफ मामले वापस लिये थे।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के लिए बजटीय आवंटन के बारे में विपक्षी विधायक ने पाटीदारों के खिलाफ मामले वापस लेने संबंधी सरकार के कदम का स्वागत किया और सुझाव दिया कि अन्य समुदायों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए।
राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने पिछले महीने कहा था कि वह 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन के संबंध में दर्ज नौ मामले वापस लेगी।
घोषणा के तुरंत बाद, अहमदाबाद की एक सत्र अदालत ने पाटीदार आंदोलन से संबंधित भाजपा के विधायक हार्दिक पटेल और चार अन्य के खिलाफ राजद्रोह के मामले वापस लेने संबंधी गुजरात सरकार की याचिका को स्वीकार कर लिया।
मेवाणी ने कहा कि 2016 के ऊना में हुई मारपीट की घटना के बाद हुए प्रदर्शनों में शामिल होने वाले दलित आंदोलनकारियों को भी राहत दी जानी चाहिए।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि सरकार को किसी के प्रति कोई पूर्वाग्रह नहीं रखना चाहिए।
मेवाणी ने पूछा, ‘‘मैं पाटीदार आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने संबंधी राज्य सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं। लेकिन, ऊना में दलितों के खिलाफ मारपीट की घटना के बाद दर्ज मामले वापस क्यों नहीं लिए गए।’’
आम आदमी पार्टी के विधायक उमेश मकवाना ने भी इसी तरह की मांग उठाई और कहा कि दो प्रमुख ओबीसी समुदायों कोली और ठाकोर समुदायों के लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाने चाहिए।
अपने संबोधन में मेवाणी ने सरकार द्वारा दलितों और आदिवासियों को पूर्व में आवंटित भूमि पर कथित रूप से अवैध अतिक्रमण पर भी प्रकाश डाला।
भाषा
देवेंद्र पवनेश
पवनेश

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