पिछले सात वर्षों में हज प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया गया: नकवी

पिछले सात वर्षों में हज प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया गया: नकवी

पिछले सात वर्षों में हज प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया गया: नकवी
Modified Date: November 29, 2022 / 07:57 pm IST
Published Date: November 25, 2021 2:48 pm IST

नयी दिल्ली/मुंबई, 25 नवंबर (भाषा) केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले सात वर्षों में महत्वपूर्ण सुधारों और सुविधाओं के जरिये संपूर्ण हज प्रक्रिया को सरल एवं सुगम बनाया गया है।

यहां जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, हज हाउस (मुंबई) में हज-2022 की तैयारियों के सम्बन्ध में भारतीय हज कमेटी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद नकवी ने यह टिप्पणी की।

उन्होंने यह भी कहा कि हज सब्सिडी खत्म करने, बिना ‘मेहरम’ (पुरुष रिश्तेदार) के मुस्लिम महिलाओं के हज यात्रा पर लगी बंदिश खत्म करने, संपूर्ण हज प्रक्रिया को सौ प्रतिशत डिजिटल करने आदि जैसे सुधारों से ‘ईज़ ऑफ डूइंग हज” (हज करने में सुगमता) को बल मिला है।

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उनके मुताबिक, हज कमेटी के पोर्टल, डिजिटल हेल्थ कार्ड, ‘ई-मसीहा’ स्वास्थ्य सुविधा, मक्का-मदीना में ठहरने की इमारत एवं परिवहन सेवा की जानकारी भारत में ही देने वाली ‘ई-लगेज टैगिंग’ की सुविधा, ई-वीजा, आधुनिक सुविधाओं से युक्त “हज मोबाइल ऐप” से भारतीय हज यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा, सरलता सुनिश्चित हुई है।

नकवी ने कहा कि भारत की हज 2022 की संपूर्ण प्रक्रिया 100 प्रतिशत डिजिटल होगी। इंडोनेशिया के बाद सर्वाधिक हज यात्री भारत से जाते हैं।

उन्होंने कहा कि हज यात्रा के इच्छुक लोगों की चयन प्रक्रिया कोरोना के टीके की दोनों खुराक लिए जाने एवं भारत और सऊदी अरब की सरकारों द्वारा हज 2022 के समय तय किये जाने वाले कोरोना प्रोटोकॉल, दिशानिर्देशों एवं मापदंडों को ध्यान में रखकर तैयारी की जा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हज 2022 के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 1 नवम्बर से शुरू हो गई है और अंतिम तिथि 31 जनवरी 2022 रखी गई है। अभी तक 20 हजार से अधिक लोगों ने हज 2022 के लिए आवेदन किया है। जिसमें 100 से अधिक महिलाओं ने बिना ‘मेहरम’ के आवेदन किया है।’’

नकवी ने बताया कि इस बार हज 2022 के लिए 21 की जगह 10 एम्बार्केशन प्वाइंट्स (प्रस्थान स्थल) तय किये गए हैं जिनमें अहमदाबाद, बेंगलुरु, कोच्चि, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और श्रीनगर शामिल हैं।

भाषा हक प्रशांत

प्रशांत


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