हरियाणा के डीजीपी यादव ने समय से पहले खुफिया ब्यूरो लौटने के लिए सरकार से इजाजत मांगी

हरियाणा के डीजीपी यादव ने समय से पहले खुफिया ब्यूरो लौटने के लिए सरकार से इजाजत मांगी

हरियाणा के डीजीपी यादव ने समय से पहले खुफिया ब्यूरो लौटने के लिए सरकार से इजाजत  मांगी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:09 pm IST
Published Date: June 22, 2021 11:42 am IST

चंडीगढ़, 22 जून (भाषा) हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज यादव ने करियर चिंताओं और परिवार की जरूरतों का हवाला देकर समय से पहले खुफिया ब्यूरो (आईबी) में वापस जाने के लिए राज्य सरकार से पदमुक्त करने का आग्रह किया है।

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1988 बैच के अधिकारी यादव ने मंगलवार को हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव अरोड़ा को पत्र लिखकर यह आग्रह किया।

यादव वर्ष 2019 में दो साल की अवधि के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के खुफिया ब्यूरो से प्रतिनियुक्ति पर हरियाणा आए थे।

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्य के गृह मंत्री अनिल विज के बीच यादव के कार्यकाल को लेकर मतभेदों के बीच उन्हें इस साल की शुरुआत में केंद्र ने एक साल का विस्तार दिया था।खट्टर यादव को राज्य का पुलिस प्रमुख बनाए रखने के इच्छुक हैं जबकि विज दो साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उनकी जगह किसी और को डीजीपी बनाए जाने के पक्ष में हैं।

यादव को दो साल के कार्यकाल के लिए 21 फरवरी 2019 को हरियाणा का डीजीपी नियुक्त किया गया था। खट्टर सरकार ने इस साल जनवरी में अगले आदेश तक डीजीपी के रूप में उनका कार्यकाल बढ़ा दिया था।

यादव दो साल की अवधि के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के खुफिया ब्यूरो से प्रतिनियुक्ति पर हरियाणा आए थे।

यादव ने पत्र में लिखा, “मैं करियर संबंधी चिंताओं और परिवारिक जरूरतों की वजह से अब भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत आने वाले खुफिया ब्यूरो में लौटकर अतिरिक्त निदेशक के तौर अपनी ड्यूटी शुरू करना चाहूंगा।” उन्होंने कहा कि उन्हें कार्य मुक्त किया जाए ताकि वह आईबी में फिर शामिल हो सकें।

इस बीच, यादव ने कहा कि उन्होंने पिछले 28 महीनों के दौरान हरियाणा के नागरिकों की सेवा के लिए अपनी क्षमता के अनुसार डीजीपी के रूप में कर्तव्यों का निर्वहन किया है।

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “मैं करियर और पारिवारिक जरूरतों के कारण भारत सरकार में वापस जाना चाहता हूं। मैंने हरियाणा सरकार से मुझे वापसी की अनुमति देने का अनुरोध किया है। जय हिन्द।”

भाषा

नोमान पवनेश

पवनेश


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