उच्च न्यायालय तय करेगा, मणिपुर में पंचायत सदस्य कार्यकाल के बाद भी काम कर सकते हैं या नहीं: न्यायालय

उच्च न्यायालय तय करेगा, मणिपुर में पंचायत सदस्य कार्यकाल के बाद भी काम कर सकते हैं या नहीं: न्यायालय

उच्च न्यायालय तय करेगा, मणिपुर में पंचायत सदस्य कार्यकाल के बाद भी काम कर सकते हैं या नहीं: न्यायालय
Modified Date: April 3, 2025 / 05:43 pm IST
Published Date: April 3, 2025 5:43 pm IST

नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उच्च न्यायालय यह तय करेगा कि मणिपुर में पांच साल का कार्यकाल पूरा कर चुके ग्राम पंचायत के निर्वाचित सदस्य प्रशासनिक समिति या प्रशासक की नियुक्ति की स्थिति में अपने पद पर बने रहने के हकदार हैं या नहीं।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि वह इस मामले में उच्च न्यायालय की राय का लाभ लेना चाहेगी और कानूनी प्रश्न पर निर्णय करने के लिए तीन महीने की समय-सीमा निर्धारित करेगी।

पीठ ने रेखांकित किया, ‘‘इस मामले में विचारणीय प्रश्न यह है कि क्या पांच साल का कार्यकाल पूरा कर चुके ग्राम पंचायत के निर्वाचित सदस्य प्रशासनिक समिति या प्रशासक की नियुक्ति की स्थिति में ग्राम पंचायत सदस्य बने रहने के हकदार हैं, जैसा कि मणिपुर पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 22 के तहत परिकल्पित है।’’

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मणिपुर सरकार के वकील ने कहा कि अभूतपूर्व हिंसा के कारण राज्य में पंचायत चुनाव नहीं कराए जा सके।

पीठ ने कहा, ‘‘चूंकि, हम उच्च न्यायालय की राय का लाभ लेना चाहते हैं, इसलिए हम गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना विशेष अनुमति याचिका का निपटारा करते हैं। साथ ही मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध करते हैं कि वह मुख्य मामले को यथाशीघ्र खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध करें। जिस खंडपीठ के समक्ष मामला सूचीबद्ध किया जाएगा, हम उससे अनुरोध करते हैं कि वह शीघ्र सुनवाई करे और तीन महीने के भीतर विवाद को सुलझाने का प्रयास करे।’’

भाषा धीरज पारुल

पारुल


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