नई दिल्ली : Hearing on bail plea : जमानत याचिकाओं पर देरी से हो रही सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट अब सख्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने ने कहा कि जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 10 मिनट से ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एएस ओका की पीठ ने कहा कि जमानत के मामलों में दिनों तक लंबी सुनवाई अदालत के समय की बर्बादी है।
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Hearing on bail plea : पीठ ने टिप्पणी की, “मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से समय की बर्बादी है जब जमानत याचिकाओं पर एक बार में सुनवाई होती है… गुण-दोष के आधार पर अपील की तरह। जमानत आवेदनों की सुनवाई 10 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए।”
यह टिप्पणी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र शरजील इमाम की याचिका पर सुनवाई के दौरान हुई। अदालत ने आज कहा कि इस तरह की टिप्पणियां फैसले में तब आती हैं जब जमानत के मामलों की लंबी सुनवाई होती है जैसे कि अदालत दोषसिद्धि के खिलाफ अंतिम अपील पर सुनवाई कर रही हो।