जमानत संबंधी निचली अदालत से स्पष्टीकरण मांगने के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक

जमानत संबंधी निचली अदालत से स्पष्टीकरण मांगने के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक

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  • Publish Date - February 24, 2023 / 08:15 PM IST,
    Updated On - February 24, 2023 / 08:15 PM IST

नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी जिसमें निचली अदालत के न्यायाधीश से स्पष्टीकरण मांगा गया था कि एक आरोपी को जमानत क्यों दी गयी।

अदालत ने कहा, ‘‘ऐसे आदेश जिला न्यायपालिका की स्वतंत्रता को प्रभावित करते हैं।’’

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी और एक आपराधिक मामले में आरोपी तोताराम को जमानत दे दी।

उच्च न्यायालय ने कहा कि यह जमानत देने के लिए एक उपयुक्त मामला है क्योंकि कथित अपराधों में अधिकतम सजा के रूप में आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान नहीं है और इसके अलावा, अन्य आरोपियों को पहले भी ऐसी ही राहत दी जा चुकी है।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया, उच्च न्यायालय द्वारा संबंधित जिला अदालत के न्यायाधीश से स्पष्टीकरण मांगने का कोई औचित्य नहीं था। इस तरह के आदेश जमानत आवेदनों पर विचार करने में जिला न्यायपालिका की स्वतंत्रता को प्रभावित करते हैं।’’

आरोपी तोताराम भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आपराधिक धमकी और महिला की शील भंग करने सहित अन्य अपराधों के लिए मुकदमे का सामना कर रहा है।

निचली अदालत ने आरोपी को जमानत दे दी थी और उच्च न्यायालय ने फैसले को पलट दिया था। साथ ही उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के न्यायाधीश से इस तरह के आदेश को पारित करने के लिए स्पष्टीकरण भी मांगा था।

भाषा शफीक माधव

माधव