आशा करती हूं कि जीवन में नये अध्याय की शुरुआत होगी : राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के बाद कृति सैनन |

आशा करती हूं कि जीवन में नये अध्याय की शुरुआत होगी : राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के बाद कृति सैनन

आशा करती हूं कि जीवन में नये अध्याय की शुरुआत होगी : राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के बाद कृति सैनन

:   Modified Date:  August 25, 2023 / 06:17 PM IST, Published Date : August 25, 2023/6:17 pm IST

रवि बंसल

नयी दिल्ली, 25 अगस्त (भाषा) सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए अपना पहला राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के बाद कृति सैनन का कहना है कि ‘राष्ट्रीय पुरस्कार जीतना बहुत बड़ी बात है और आशा करती हूं कि यह मेरे जीवन में नये अध्याय की शुरूआत होगी।’’

अभिनय की दुनिया में पिछले नौ साल से सक्रिय सैनन को बृहस्पतिवार को घोषित राष्ट्रीय पुरस्कारों में लक्ष्मण उतेकर की ‘ड्रामा-कॉमेडी’ फिल्म ‘मिमी’ में अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला है।

सैनन (33) ने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘यह मेरे, मेरे परिवार और इस फिल्म में मुझसे जुड़े सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण पल है। जब मुझे पुरस्कार मिलने की सूचना मिली, उस वक्त मुझे जो महसूस हुआ उसे मैं हमेशा याद रखूंगी। मैं आशा करती हूं कि यह मेरे जीवन में नये अध्याय की शुरूआत होगी।’’

सैनन ने कहा ‘मिमी’ एक ऐसा उपहार है जो लगातार कुछ ना कुछ दे ही रहा है। इस फिल्म में सैनन ने विदेशी दंपति के लिए ‘किराये पर कोख देने वाली मां’ की भूमिका निभाई है।

दिल्ली में जन्मीं अभिनेत्री ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय पुरस्कार बड़ी बात है और यह सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है। यह फिल्म मेरे दिल के बहुत करीब है और इसके कारण मुझे पहले ही बहुत प्यार मिल चुका है फिर चाहे वह मेरे दर्शकों की ओर से हो या फिर मेरा पहला सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार हो। मुझे लगता है कि इस फिल्म की मेरे फिल्मी करियर में खास जगह होगी।

सैनन याद करती हैं कि कैसे उन्होंने यह किरदार निभाने के लिए अपना सबकुछ झोंक दिया था और अब वह खुश हैं कि उनकी कोशिशों का नतीजा राष्ट्रीय पुरस्कार के रूप में निकला है।

अभिनेत्री कहती हैं, ‘‘मिमी’ उन फिल्मों में से हैं जो आपके दिल को छू लेती हैं और बतौर अभिनेता आपके भीतर उसे लेकर जुनून पैदा हो जाता है। अभिनेता के रूप में यह आपको काम करने का इतना मौका देता है कि आप उसके हर पहलू को छू लेना चाहते हैं। इस फिल्म में मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। मेरा पूरा सफर, 15 किलोग्राम वजन बढ़ाना, कुछ बहुत ज्यादा थका देने वाले सीन, (सबकुछ था) लेकिन अब ऐसा लगता है कि (इतनी मेहनत) सफल रहा।’’

कृति सैनन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार आलिया भट्ट के साथ साझा करना पड़ा है। आलिया को संजय लीला भंसाली की बायोपिक ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के लिए यह पुरस्कार मिला है।

आलिया के साथ राष्ट्रीय पुरस्कार बांट कर खुश सैनन ने कहा, ‘‘मैंने हमेशा उनके काम की सराहना की है और अभिनेता के रूप में वह बहुत अच्छी हैं। ‘गंगूबाई’ के लिए यह पुरस्कार ‘उचित’ है और अगर मुझे इसे किसी के साथ बांटना पड़े तो, यह वही (आलिया) होगी। मैंने उसे फोन भी किया था और दोनों ने एक-दूसरे को बधाई दी। उस वक्त हम बस दो अति उत्साहित लड़कियां थीं जो उस पल को जी रही थीं।’’

‘मिमी’ और ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ मजबूत महिला किरदारों वाली मुख्य धारा की फिल्में हैं और राष्ट्रीय पुरस्कार में उन्हें कई सम्मान मिले हैं।

‘मिमी’ में सैनन के सह-कलाकार पंकज त्रिपाठी को सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेता का पुरस्कार मिला है। वहीं ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ को चार पुरस्कार मिले हैं… सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले लेखक (रूपांतरित), संपादन, सर्वश्रेष्ठ संवाद और सर्वश्रेष्ठ मेकअप।

यह पूछने पर कि क्या वह इस सम्मान को फिल्म उद्योग में आ रहे बदलाव के रूप में देखती हैं, सैनन ने कहा, ‘‘बदलाव हो रहे हैं।’’

अभिनेत्री ने कहा, ‘‘शायद यही वजह है कि सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार ऐसी दो महिलाओं को मिला है जिन्होंने अपने किरदारों के नाम पर आधारित फिल्में की हैं। अब इसपर सत्यापन की मुहर लग गयी है। मैं आशा करती हूं कि बदलाव जारी रहेंगे और महिलाओं के लिए भविष्य में और अच्छी पटकाथाएं उपलब्ध होंगी।’’

अभिनेत्री ने आशा जतायी कि लोग फिल्मों में (अभिनेता के) ‘‘लिंग (हीरो का नाम) और स्टार पावर) से ऊपर उठकर कहानी पर ध्यान देंगे।

सैनन ने अपने सह-कलाकार पंकज त्रिपाठी को ‘मिमी’ के लिए ही सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेता का पुरस्कार मिलने पर प्रसन्नता जतायी।

पंकज त्रिपाठी के साथ ‘न्यूटन’, ‘बरेली की बर्फी’, और ‘लुका छुपी’ में पहले भी काम कर चुकीं सैनन ने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं। मैं पंकज सर का बहुत सममान करती हूं और मुझे लगता है कि वह बहुत अच्छे और प्रतिभावान हैं। जब भी उन्हें प्रेम और सम्मान मिलता है तो मुझे बहुत खुशी होती है। जब मैंने सुना कि उन्हें ‘मिमी’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है तो मेरी खुशी दोगुनी हो गई।’’

भाषा अर्पणा माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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