लाश का इलाज कर बनाया 14 लाख का बिल, अस्पताल पर परिजनों का बड़ा आरोप

परिवार के सदस्यों का कहना है कि उनके मरीज की मौत हो चुकी थी और डॉक्टरों ने जानबूझकर उन्हें इलाज के लिए रखा और लाखों रुपये का बिल दे​ दिया। मरीज की मौत के बाद डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिवार के सदस्यों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा।

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  • Publish Date - December 18, 2022 / 04:48 PM IST,
    Updated On - December 18, 2022 / 04:51 PM IST

Dead body treatment at a hospital in Sonepat: सोनीपत। हरियाणा के सोनीपत में एक अस्पताल पर लाश का इलाज करने के आरोप लगे हैं। मृतक के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने लाखों रुपये का बिल बनाने के लिए मौत के बाद भी मरीज का इलाज करता रहा। अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज की मौत के बाद मृतक के परिवार के सदस्यों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर पर और भी कई आरोप लगाए हैं।

परिवार के सदस्यों का कहना है कि उनके मरीज की मौत हो चुकी थी और डॉक्टरों ने जानबूझकर उन्हें इलाज के लिए रखा और लाखों रुपये का बिल दे​ दिया। मरीज की मौत के बाद डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिवार के सदस्यों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा।

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बता दें कि सोनीपत के राई गांव में रहने वाले धर्मवीर के परिवार ने 10 दिन पहले धर्मवीर को हाई बीपी की शिकायत के बाद सोनीपत के फिम्स अस्पताल में भर्ती किया था। बाद में डॉक्टरों ने बताया कि उनके दिमाग की नस फट चुकी है और वो लोग 4 लाख रुपये जमा करा दें, ऑपरेशन के बाद धर्मवीर भी ठीक हो जाएगा।

मरीज से परिजनों को नहीं मिलने दिया

Dead body treatment at a hospital in Sonepat

परिजनों ने कहा कि इलाज के दौरान परिवार के किसी भी सदस्य को धर्मवीर से मिलने नहीं दिया गया और जब परिवार के सदस्यों को शक हुआ तो उन्होंने कहा कि उनके मरीज को कोई भी आराम नहीं हुआ है वह उसे रेफर कर दें।

परिजनों के मुताबिक रेफर करने की बात पर डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उनके मरीज की मौत हो चुकी है जिसके बाद परिवार के सदस्य और ग्रामीणों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा और सभी गेट को बंद कर दिया। लोग अस्पताल के मेन गेट के सामने धरने पर बैठ गए, परिवार के सदस्यों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।

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परिवार का आरोप है कि उनके मरीज की पहले ही मौत हो चुकी थी और जानबूझकर डॉक्टरों ने मृतक का इलाज किया, ताकि वह लाखों रुपए का बिल बना सकें और 10 दिन का बिल उन्होंने 14 लाख रुपए तक पहुंचा दिया। अब गरीब परिवार कहां से इतने पैसे दे।