पंजाब सरकार का हेलीकॉप्टर इस्तेमाल नहीं करूंगा: राज्यपाल पुरोहित

पंजाब सरकार का हेलीकॉप्टर इस्तेमाल नहीं करूंगा: राज्यपाल पुरोहित

पंजाब सरकार का हेलीकॉप्टर इस्तेमाल नहीं करूंगा: राज्यपाल पुरोहित
Modified Date: June 21, 2023 / 09:17 pm IST
Published Date: June 21, 2023 9:17 pm IST

चंडीगढ़, 21 जून (भाषा) पंजाब विधानसभा में प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान की ‘अपमानजनक’ टिप्पणी से नाराज राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने बुधवार को कहा कि वह अब राज्य सरकार के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

राजभवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में राज्यपाल पुरोहित ने मान पर पलटवार किया, जो दोनों के बीच चल रही खींचतान में नवीनतम है।

आम आदमी पार्टी के बहुमत वाले सदन ने बुधवार को राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाने से संबंधित एक विधेयक पारित किया।

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चर्चा के दौरान मान ने राज्यपाल द्वारा राज्य के हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल का मुद्दा भी उठाया।

मान ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि पंजाब और पंजाबियों के हित की रक्षा करने के बजाय राज्यपाल ‘‘अक्सर दूसरी तरफ खड़े दिखायी देते हैं।’’

मान ने कहा, ‘‘वह मेरा हेलीकॉप्टर (सरकारी हेलीकॉप्टर) ले जाते हैं और फिर मुझसे दुर्व्यवहार करते हैं… मुझे नहीं लगता कि इतने हस्तक्षेप की जरूरत है। उनका कर्तव्य शपथ दिलाना है… इसका मतलब यह नहीं है कि वह हर छोटी चीज के लिए परेशानी खड़ी करें।’’

हेलीकॉप्टर के मुद्दे पर मान के निशाना साधे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए पुरोहित ने कहा, ‘‘वे क्या उम्मीद करते हैं? क्या मैं उनके लिए ताली बजाऊं? क्या वे यही उम्मीद करते हैं?’’

उन्होंने कहा, ‘‘सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा करना मेरा आधिकारिक कर्तव्य है। मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने भी उस हेलिकॉप्टर में यात्रा की है। क्या वे ये कहना चाहते हैं कि उन्होंने मुझे यात्रा करने के लिए अपना हेलीकॉप्टर दिया था…?’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब तक मैं पंजाब में हूं, मैं पंजाब सरकार के हेलीकॉप्टर का उपयोग नहीं करूंगा। मुश्किल से, तीन या चार बार मैंने अतीत में सीमाक्षेत्र का दौरा करने के लिए उसका इस्तेमाल किया है। आप, मुख्यमंत्री, खुश रहें, मुझे कोई समस्या नहीं है। मैं कल्पना भी नहीं कर सकता था कि कोई मुख्यमंत्री राज्यपाल के बारे में ऐसी बातें करेगा।’’

पुरोहित ने मान द्वारा उन्हें लिखे गए उनके आधिकारिक पत्रों को ‘प्रेमपत्र’ कहने पर भी आपत्ति जतायी।

मान ने इस महीने की शुरुआत में उनके (पुरोहित) द्वारा लिखे गए कई पत्रों को ‘प्रेमपत्र’ कहते हुए यह भी कहा था कि पुरोहित को ऐसे पत्र लिखने के बजाय केंद्र द्वारा कथित रूप से रोके गए ग्रामीण विकास कोष जैसे मुद्दों को उठाना चाहिए था।

राज्यपाल ने 12 जून को आप सरकार पर उनके पत्रों का जवाब नहीं देने के लिए संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया था।

उन्होंने बुधवार को कहा, ‘मुझे राजभवन की गरिमा बनाए रखनी है, इसलिए यह एकतरफा मामला चल रहा है। मैंने टीवी पर देखा और अखबारों में भी पढ़ा कि उन्होंने विधानसभा में मेरा मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल उन्हें कई प्रेमपत्र लिखे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक ‘मुख्यमंत्री’ मेरे लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर रहा है। जबकि उच्चतम न्यायालय का आदेश है कि मांगी गई जानकारी देना मुख्यमंत्री का कर्तव्य है।’’

पुरोहित ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि मुख्यमंत्री अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करके जवाब देने से बच सकते हैं। मैं अपना कर्तव्य निभा रहा हूं, चाहे कोई खुश हो या नहीं। मुझे अपना कर्तव्य निभाना है और मैं काम करूंगा।’’

राज्यपाल ने यह भी सवाल उठाया कि क्या उन्होंने तब ‘पाप’ किया है जब उन्होंने मान सरकार से एक ‘दागी मंत्री’ को हटाने के लिए कहा।’’

उनका परोक्ष तौर पर इशारा लाल चंद कटारुचक की ओर था, जिन पर ‘यौन दुराचार’ का आरोप लगा था।

भाषा अमित रंजन

रंजन


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