भाजपा दल-बदल का खेल खेलेगी, तो हम भी चुप नहीं बैठेंगे: हरीश रावत |

भाजपा दल-बदल का खेल खेलेगी, तो हम भी चुप नहीं बैठेंगे: हरीश रावत

भाजपा दल-बदल का खेल खेलेगी, तो हम भी चुप नहीं बैठेंगे: हरीश रावत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:45 PM IST, Published Date : October 12, 2021/1:48 pm IST

देहरादून, 12 अक्टूबर (भाषा) उत्तराखंड के कद्दावर नेता यशपाल आर्य की, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में वापसी से उत्साहित पार्टी महासचिव हरीश रावत ने मंगलवार को कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दल-बदल का खेल खेलेगी तो हम भी चूकेंगे नहीं।

रावत ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से एक विशेष बातचीत में यह बात कही। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कांग्रेस दल-बदल को प्रश्रय नहीं देती। साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा दल-बदल का खेल करेगी तो हम उसका जवाब देंगे, अब की बार हम भी चूकेंगे नहीं।’’

वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से 10 विधायक पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गए थे । इस बार भी अगले वर्ष की शुरूआत में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से पहले, उत्तरकाशी की पुरोली सीट से कांग्रेस विधायक रहे राजकुमार, कांग्रेस के समर्थन से जीते धनोल्टी के निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार और भीमताल के निर्दलीय विधायक भाजपा का दामन थाम चुके हैं । लेकिन आर्य और उनके नैनीताल से विधायक पुत्र संजीव को पार्टी में शामिल करवाकर कांग्रेस ने सत्ता विरोधी लहर को थामने की कोशिश में लगी भाजपा को जबरदस्त झटका दिया है ।

इस संबंध में पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उन्हें वह ‘शगुन की ठेकी’ (मटकी) मानते हैं जो पूरी तरह से दही से भरी हुई है । उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘पिछली बार शगुन की ठेकी उनकी तरफ (भाजपा में) चली गई थी जो इस बार हमारे पास आ गई है ।’’

कांग्रेस की प्रदेश चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष रावत ने कहा कि भाजपा के कुशासन और हर मोर्चे पर विफलता से त्रस्त जनता कांग्रेस को एक ‘आवश्यक विकल्प’ के रूप में देख रही है ।

उन्होंने कहा, ‘‘2017 के चुनाव में लोगों ने भाजपा को कांग्रेस का केवल एक विकल्प माना लेकिन इस बार जनता कांग्रेस को भाजपा का आवश्यक विकल्प मान रही है।’’

इस बार के मुख्य चुनावी मुद्दों के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘भाजपा हटाओ’, ‘डबल इंजन फेल’, ‘किसानों को कुचला, दबाया’, ‘लोकतंत्र खतरे में’ और ‘अर्थव्यवस्था को चौपट किया’ जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे।

भाषा दीप्ति

दीप्ति शोभना मनीषा

मनीषा

 

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