इस मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर चली आ रही अनोखी परंपरा, दी जाती है 21 तोपों की सलामी..जानें वजह

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  • Publish Date - August 19, 2022 / 04:56 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:02 PM IST

21 gun salute at the birth of Shri Krishna : उदयपुर – आज पूरे देश में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। इस दिन पूरे देश में मटकीफोड़ कार्यक्रम किया जाता है। यह कार्यक्रम इतना लोकप्रिय है कि रूस,अमेरिका,कनाडा,नेपाल, इंग्लैंड जैसे देशों में भी मटकीफोड़ कार्यक्रम किया जाता है। वहीं पूरी दुनिया से अलग भगवान की नगरी मथुरा-वृंदावन,द्वारिका विशेष साजसज्जा द्वारा सजाई जाती है। वहीं कहीं-कहीं अपने अनोखे अंदाज से लोग कृष्ण जन्माष्टमी मनाते है। ऐसी ही एक अनोखी परंपरा राजस्थान में भी देखने को मिली। जैसे की हम जानते है कि मथुरा के श्रीकृष्ण मंदिर तो विश्व प्रसिद्ध है लेकिन राजस्थान में दुनिया का एक अनोखा मंदिर है। जहां पर जन्माष्टमी की रात प्रभु श्रीकृष्ण के जन्म के समय 21 तोपों की सलामी दी जाती है। और यहाँ विधिवत सुरक्षा व्यवस्था भी की जाती है। इस मंदिर से जब बाल गोपाल के जन्म की सूचना मिलती है तो शुरू होती है 21 तोपों की सलामी। इसको देखने के लिए काफी संख्या में लोग आते हैं। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

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21 gun salute at the birth of Shri Krishna : राजस्थान के उदयपुर में नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी का मंदिर वल्लभ संप्रदाय का प्रमुख पीठ है। ऐसे में यहां पर जन्माष्टमी के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। श्रीनाथजी मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव सबसे अलग होता है। जन्माष्टमी के दिन यहाँ श्रीनाथ जी को पंचामृत और चंदन से स्नान कराया जाता है। उसके बाद उनका वस्त्र और आभूषणों से श्रृंगार होता है। भजन-कीर्तन किए जाते हैं। महाभोग, पंजीरी के बड़े लड्डुओं के भोग लगाए जाते हैं। वहीं उसके बाद रात के समय में जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होता है तो घंटे और बिगुल बजाए जाते हैं। और जैसे ही बाहर खड़े सुरक्षाकर्मियों को श्रीनाथजी के जन्म का संकेत मिलता है वह श्रीनाथजी को 21 तोपों की सलामी देते हैं। और इसकी आवाज पूरे शहर में गूंज उठती है। उसके बाद नगर के सभी घरों में भी श्रीनाथजी के जन्म का उत्सव मनाया जाता है। केवल यही नहीं बल्कि जन्माष्टमी के अगले दिन सुबह श्रीनाथजी की हवेली में विधिपूर्वक नंद महोत्सव मनाया जाता है। और इसमें लोग दूध और दही से होली खेलते हैं। इतना ही नहीं यहां पर श्रीकृष्ण जमोत्सव का कार्यक्रम देखने दूर-दूर से लोग आते है। और श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन हो जाते है।

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