नई दिल्ली: Fired Government Employees महिला आयोग में कार्यरत कर्मचारियों को आज जोर का झटका लगा है। दरअसल यहां पदस्थ 223 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से नौकरी से निकाल दिया गया है। बताया जा रहा है कि इन कर्मचारियों की नियुक्ति नियमों के खिलाफ हुई थी, जिसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आदेश जारी करते हुए सभी की सेवाएं समाप्त कर दी गई है।
Fired Government Employees मिली जानकारी के अनुसार 10 सितंबर 2016 को डीसीडब्ल्यू की ओर से जारी आदेश के लिए एलजी से मंजूरी नहीं ली गई थी। इसी आदेश के तहत दिल्ली महिला आयोग में 223 पद बनाए गए थे। जबकि दिल्ली महिला आयोग कानून 2013 के मुताबिक ऐसा करने से पहले एलजी की मंजूरी आवश्यक है।
राजभवन की ओर से बताया गया कि केंद्र सरकार के ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने केस भी दर्ज किया था। 13 फरवरी 2017 को इन नियुक्तियों की जांच के लिए एक कमिटी का गठन किया गया था जिसने 2 जून 2017 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। कमिटी ने नियुक्तियों को अवैध बताया था।
गौरतलब है कि दिल्ली महिला आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष स्वाति मालीवाल अब आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद बन चुकी हैं। राज्यसभा में जाने से पहले उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि एलजी के ताजा फैसले के बाद एक बार फिर दिल्ली सरकार और राजभवन के बीच तनातनी बढ़ सकती है। इससे पहले भी एलजी और केजरीवाल सरकार के बीच कई मुद्दों पर टकराव होता रहा है।
223 employees from the Delhi Women Commission have been removed with immediate effect on the order of Lieutenant Governor VK Saxena. It is alleged that the then chairperson of the Delhi Women Commission, Swati Maliwal, had appointed them without permission, going against the… pic.twitter.com/wMZmaTuX9l
— ANI (@ANI) May 2, 2024