उत्तराखंड के जंगलों में 75 और जगह भड़की आग, हेलीकॉप्टरों से पानी बौछारें कर काबू पाने की कवायद जारी
उत्तराखंड के जंगलों में 75 और जगह भड़की आग, हेलीकॉप्टरों से पानी बौछारें कर काबू पाने की कवायद जारी
देहरादून: उत्तराखंड के जंगलों में भड़की आग को बुझाने के लिए भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों का हवाई अभियान मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा जबकि पिछले 24 घंटों में वनाग्नि की 75 नई घटनाओं में 105.85 हेक्टेअर जंगल और खाक हो गया। वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने सोमवार को गढ़वाल क्षेत्र के टिहरी जिले के नरेंद्र नगर वन प्रभाग की नरेंद्रनगर रेंज में अदवाणी और तमियार के जंगलों में आग बुझाने के बाद मंगलवार को कीर्तिनगर रेंज में बड़ियारगढ और सरक्याणा तथा पौड़ी जिले के खिर्सू में पानी का छिड़काव कर वनाग्नि बुझाई ।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हेलीकॉप्टर ने 5000 लीटर की बाल्टी में चार बार श्रीकोट बांध से पानी भरा और जंगल की आग बुझाई । इसके अतिरिक्त, गढ़वाल वन प्रभाग के तहत खिर्सू वन क्षेत्र में भी आग बुझाई गई । वहीं स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से वन विभाग की टीमें भी नियमित रूप से वनाग्नि पर नियंत्रण पाने में जुटी हुई हैं । प्रदेश के कुमांउ क्षेत्र में मंगलवार को भी वनाग्नि बुझाने में हेलीकॉप्टर की मदद नहीं ली जा सकी । अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका ।
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उधर, पिछले 24 घंटों में उत्तराखंड में जंगल में आग लगने की 75 और नई घटनाएं दर्ज की गयीं जिनमें 105.85 हेक्टेअर वन और स्वाहा हो गया । केवल अप्रैल माह के ही प्रथम छह दिनों में वनाग्नि की 414 घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिनमें 645.3 हेक्टेअर जंगल राख हो चुका है । इससे प्रदेश को अब तक करीब 14.19 लाख रुपए की आर्थिक क्षति हो चुकी है। नैनीताल, अल्मोड़ा, टिहरी गढ़वाल और पौड़ी गढ़वाल जिले वनाग्नि से अधिक प्रभावित है जिसे काबू करने के लिए 12 हजार वन कर्मी लगे हुए हैं जबकि 1300 फायर क्रू स्टेशन बनाए गए हैं।
उत्तराखंड में इस वर्ष सर्दियों में वर्षा सामान्य से कम हुई जिससे वनों में आग लगने की घटनाओं में तेजी से बढोतरी हुई है। प्रदेश में वनाग्नि की घटनाओं में बढोतरी को देखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मदद की गुहार लगाई थी जिसके बाद उन्होंने तत्काल दो हेलीकॉप्टर प्रदेश को भेजे थे । प्रदेश को हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए शाह ने कहा था कि जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें भी प्रदेश को दी जाएंगी।
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