संस्थागत मध्यस्थता की बढ़ती प्रमुखता विशिष्ट बार की जरूरत का संकेत देती है : न्यायमूर्ति हिमा कोहली
संस्थागत मध्यस्थता की बढ़ती प्रमुखता विशिष्ट बार की जरूरत का संकेत देती है : न्यायमूर्ति हिमा कोहली
हैदराबाद, सात अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने शनिवार को कहा कि भारत और विश्व में संस्थागत मध्यस्थता की बढ़ती प्रमुखता विशिष्ट मध्यस्थता बार की जरूरत की ओर इशारा करती है।
अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता दिवस के मौके पर यहां न्यायमूर्ति कोहली ने कहा कि इस तरह का बार प्रमुख मध्यस्थता संस्थानों के साथ सामंजस्य के साथ काम करेगा और इस साझेदारी का लक्ष्य प्रक्रिया को सुगम करना, विवाद के समाधान के लिए एक प्राथमिक माध्यम के रूप में इसकी प्रभावकारिता प्रदर्शित करना है।
कार्यक्रम का आयोजन इंटरनेशनल आर्बिटरेशन एंड मेडिएशन सेंटर ने किया था।
न्यायमूर्ति कोहली ने कहा कि दिल्ली में बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा हाल में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उन्होंने इस तथ्य का उल्लेख किया था कि विशेष रूप से भारत में एक विशिष्ट मध्यस्थता बार विधिक समुदाय में परिवर्तन को बढ़ावा देगा।
उन्होंने कहा कि यह नयी प्रतिभाओं को आकर्षित करेगा।
भाषा सुभाष अविनाश
अविनाश

Facebook



