Mystery of Independence Day

Independence Day 2023: नहीं जानते होंगे स्वतंत्रता दिवस की ये अनसुनी बातें, रोचक तथ्य के साथ जानिए क्यों चुना गया आजादी के लिए 15 अगस्त की तारीख?

Mystery of Independence Day 1947 में ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी मिली थी। यह पूरे देश के लिए गर्व और खुशी का दिन था।

Edited By :   Modified Date:  August 14, 2023 / 11:23 AM IST, Published Date : August 14, 2023/10:34 am IST

Mystery of Independence Day : भारत को 15 अगस्त, 1947 में ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी मिली थी। यह पूरे देश के लिए गर्व और खुशी का दिन था। आजादी के इसी महोत्सव को हर साल 15 अगस्त के दिन देशभर में धूम के साथ मनाया जाता है। साथ ही, यह दिन उन स्वतंत्रता सैनानियों की कुर्बानी याद करने का है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। इस मौके पर जानिए स्वतंत्रता दिवस के इतिहास, महत्व और कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जो हर देशवासी का सीना गर्व से फुला देते हैं।

Read more: 77वें स्वतंत्रता दिवस से पहले दिखी नए कश्मीर की झलक, युवाओं ने तिरंगा थाम निकाली विशाल रैली, देखें VIDEO 

हमें 15 अगस्त को क्यों मिली थी आजादी?

पहले भारत को 30 जून 1948 को आजादी मिलने वाली थी। लेकिन उसी समय भारत और पाकिस्तान के बीच बंटवारे का मुद्दा चल रहा था। जिस वजह से भारत को 15 अगस्त 1947 को ही आजाद कर दिया गया।

15 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है आजादी का जश्न?

जानिए क्यों इसी दिन आजादी का जश्न मनाते हैं, ये दिन ही आजादी देने के लिए क्यों चुना गया। उस समय भारत में लॉर्ड माउंटबेटन का शासन था। माउंटबेटन ने ही निजी तौर पर भारत की स्‍वतंत्रता के लिए 15 अगस्‍त का दिन तय करके रखा था। बताया जाता है कि इस दिन को वे अपने कार्यकाल के लिए बहुत सौभाग्‍यशाली मानते थे। इसके पीछे दूसरी खास वजह ये थी कि दूसरे विश्‍व युद्ध के दौरान 1945 में 15 अगस्‍त के ही दिन जापान की सेना ने ब्रिटेन के सामने उनकी अगुवाई में आत्‍मसमर्पण कर दिया था।

लॉर्ड माउंटबेटन की योजना वाली 3 जून की तारीख पर स्‍वतंत्रता और विभाजन के संदर्भ में हुई बैठक में ही यह तय किया गया था। 3 जून के प्‍लान में जब स्‍वतंत्रता का दिन तय किया गया उसे सार्वजनिक रूप से घोषित किया गया तब देश भर के ज्‍योतिषियों में आक्रोश पैदा हुआ क्‍योंकि ज्‍योतिषीय गणना के अनुसार 15 अगस्‍त 1947 का दिन अशुभ और अमंगलकारी था।
विकल्‍प के तौर पर दूसरी तिथियां भी सुझाई गईं लेकिन माउंटबेटन 15 अगस्‍त की तारीख पर ही अड़े रहे, ये उनके लिए खास तारीख थी।

आखिरी समस्‍या का हल निकालते हुए ज्‍योतिषियों ने बीच का रास्‍ता निकाला। फिर 14 और 15 अगस्‍त की मध्‍यरात्रि का समय सुझाया और इसके पीछे अंग्रेजी समय का ही हवाला दिया गया। अंग्रेजी परंपरा में रात 12 बजे के बाद नया दिन शुरू होता है। वहीं हिंदी गणना के अनुसार नए दिन का आरंभ सूर्योदय के साथ होता है।

15 अगस्त के दिन लाल किले पर झंडा कौन फहराता है?

हर साल 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले पर झंडा फहराया जाता है। झंडारोहण के बाद प्रधामंत्री देश के नाम पर अपना संबोधन भी देते हैं।

Read more: ‘अगर प्रियंका गांधी वाराणसी से PM मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं तो उनकी जीत तय’, सांसद संजय राउत का दावा 

यह हमारा कौन सा स्वतंत्रता दिवस है?

आने वाले 15 अगस्त 2023 के दिन हमें आजाद हुए 75 साल बीत जाएंगे। यानी इस हिसाब से यह हमारा 76वां स्वतंत्रता दिवस होगा।

भारत का राष्ट्रीय ध्वज पहली बार कब फहराया गया था?

Mystery of Independence Day : सबसे पहली बार राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा 7 अगस्त 1906, पारसी बगान स्क्वायर, कोलकाता में फहराया गया था। हालांकि आजादी के बाद हर साल लाल किले पर तिरंगा फहराया जाता है। इसके अलावा इसे ऑफिस और घर में भी फहराया जा सकता है।

राष्ट्रध्वज तिरंगे का मौजूदा डिजाइन किसने बनाया था?

राष्ट्रध्वज तिरंगे का मौजूदा डिजाइन पिंगली वेंकैया ने बनाया था। तिरंगे की इस डिजाइन को आजादी कुछ ही दिनों पहले 22 जुलाई 1947 को भारतीय संविधान सभा ने स्वीकर किया था।

 

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें