भारत ‘भारी राजनीतिक प्रभाव’ के साथ और भी बहुत कुछ कर सकता है: फलस्तीनी दूत

भारत ‘भारी राजनीतिक प्रभाव’ के साथ और भी बहुत कुछ कर सकता है: फलस्तीनी दूत

भारत ‘भारी राजनीतिक प्रभाव’ के साथ और भी बहुत कुछ कर सकता है: फलस्तीनी दूत
Modified Date: July 25, 2025 / 10:03 pm IST
Published Date: July 25, 2025 10:03 pm IST

(शुजा उल हक)

नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) फलस्तीनी दूत अब्दुल्ला एम अबू शावेश ने कहा है कि भारत फलस्तीनियों का समर्थन करता रहा है, लेकिन नयी दिल्ली दुनिया भर में अपने ‘‘भारी राजनीतिक प्रभाव’’ के साथ ‘‘और भी बहुत कुछ कर सकता है।’’

बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई वीडियो’ सेवा के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने यह भी याद दिलाया कि फलस्तीन के राष्ट्रपति अब्बास ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की थी कि वह गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए भारत के राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करें।

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गाजा में मानवीय संकट ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है और ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ और ‘ऑक्सफैम’ सहित अन्य सहायता एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि नाकाबंदी वाले क्षेत्र में अब ‘‘बड़े पैमाने पर भुखमरी’’ फैल रही है।

फलस्तीन के मामले में भारत का लंबे समय से समान रुख रहा है। यह सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर एक संप्रभु और स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र की स्थापना के लिए बातचीत के माध्यम से दो-राष्ट्र समाधान का समर्थन करता है, जो इजराइल के साथ शांतिपूर्वक रह सके।

भारत के समर्थन को स्वीकार करते हुए, अबू शावेश ने आशा व्यक्त की कि वैश्विक राजनीतिक क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति होने के नाते और ‘‘दुनिया भर में अपने भारी राजनीतिक प्रभाव के साथ, भारत और भी बहुत कुछ कर सकता है।’’

फलस्तीनी दूत ने दावा किया कि उनके परिवार के सदस्य भोजन की कमी और आवश्यक आपूर्ति की व्यापक कमी से जूझ रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि ‘गाजा की आबादी का एक बड़ा हिस्सा भूख से मर रहा है’, लेकिन इज़राइल का कहना है कि हमास जानबूझकर इस संकट को जन्म दे रहा है।

भाषा शफीक नरेश

नरेश


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