'India' coalition letter to Mark Zuckerberg

‘इंडिया’ गठबंधन ने जुकरबर्ग और पिचाई को लिखा पत्र, चुनाव में तटस्थता की मांग की

जुकरबर्ग और पिचाई को 'इंडिया' गठबंधन का पत्र, चुनाव में तटस्थता की मांग

Edited By :   Modified Date:  October 12, 2023 / 11:57 PM IST, Published Date : October 12, 2023/11:35 pm IST

‘India’ coalition letter to Mark Zuckerberg: नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर। विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने सोशल मीडिया के क्षेत्र की प्रमुख कंपनी मेटा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को पत्र लिखकर देश में ‘सांप्रदायिक नफरत को बढ़ावा देने’ में उनके सोशल मीडिया मंचों की कथित भूमिका को लेकर विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने यह मांग भी की है कि आगामी चुनावों में उनके सोशल मीडिया मंचों को तटस्थता सुनिश्चित करनी चाहिए।

फेसबुक और व्हाट्सऐप का स्वामित्व मेटा के पास तथा यूट्यूब का स्वामित्व गूगल के पास है। ये पत्र अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट में छपी एक खबर के बाद लिखे गए हैं।

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 11 अक्टूबर की तारीख वाले ये पत्र ‘एक्स’ पर साझा किए हैं। ये पत्र कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा भेजे गए हैं। इन पर खरगे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत विपक्ष के 14 नेताओं के नामों का उल्लेख है।

जुकरबर्ग को लिखे पत्र में विपक्षी दलों ने कहा है कि ‘इंडिया’ भारत में 28 राजनीतिक दलों का गठबंधन है जो 11 राज्यों में सत्तारूढ़ है और भारत के लगभग आधे मतदाताओं का का प्रतिनिधित्व करता है।

पत्र में उन्होंने कहा, ‘आप सत्तारूढ़ भाजपा के सांप्रदायिक नफरत अभियान को सहायता देने में व्हाट्सऐप और फेसबुक की भूमिका के बारे में वाशिंगटन पोस्ट अखबार के हालिया खुलासे से अवगत होंगे। विशेष रूप से इस लेख में इस बात का विवरण दिया गया है कि कैसे व्हाट्सऐप ग्रुप में भाजपा सदस्यों और समर्थकों द्वारा वीभत्स और सांप्रदायिक विभाजनकारी प्रचार किया जाता है।’

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विपक्ष ने दावा किया कि ‘वाशिंगटन पोस्ट’ की इन विस्तृत जांचों से यह बहुत स्पष्ट है कि मेटा भारत में सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक नफरत को भड़काने का दोषी है।

विपक्षी गठबंधन ने मांग की है कि अगले लोकसभा चुनाव और अन्य आगामी चुनाव के मद्देनजर भारत में मेटा का संचालन तटस्थ ढंग से हो।

पत्र में कहा गया, ‘निजी विदेशी कंपनी द्वारा एक राजनीतिक गठबंधन के प्रति इस तरह का घोर पक्षपात और पूर्वाग्रह भारत के लोकतंत्र में हस्तक्षेप के समान है, जिसे हम ‘इंडिया’ गठबंधन में हल्के में नहीं लेंगे।’

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पिचाई को लिखे अपने पत्र में विपक्षी दलों ने वाशिंगन पोस्ट की एक रिपोर्ट का हवाला देते कहा कि यह स्पष्ट है कि ‘यूट्यूब’ भारत में सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक नफरत को भड़काने का दोषी है।

उन्होंने दावा किया कि उपलब्ध डेटा से साबित होता है कि गूगल का सोशल मीडिया मंच यूट्यूब विपक्ष नेताओं की सामग्रियों को दबा रहा है और सत्ता पक्ष के नेताओं की सामग्रियों को बढ़ावा दे रहा है। विपक्षी नेताओं ने कहा कि आगामी चुनावों में तटस्थता सुनिश्चित की जानी चाहिए।