भारत स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक हितधारकों के साथ सहयोग को प्रतिबद्ध: गोयल

भारत स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक हितधारकों के साथ सहयोग को प्रतिबद्ध: गोयल

भारत स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक हितधारकों के साथ सहयोग को प्रतिबद्ध: गोयल
Modified Date: February 26, 2025 / 10:06 pm IST
Published Date: February 26, 2025 10:06 pm IST

हैदराबाद, 26 फरवरी (भाषा) केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि भारत महामारी से लेकर डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल समाधान तक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय हितधारकों के साथ साझेदारी करने के लिए प्रतिबद्ध है।

तेलंगाना सरकार द्वारा आयोजित जीवन विज्ञान और स्वास्थ्य-तकनीक कार्यक्रम ‘बायोएशिया 2025’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत बेजोड़ प्रतिभा, लागत लाभ और एक समृद्ध नवाचार परिवेश उपलब्ध करा रहा है।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत नवाचारों को बढ़ावा दे रहा है, अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दे रहा है और वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा वितरण को बदलने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने में तेजी ला रहा है।

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भारत को दुनिया की फार्मेसी के रूप में मान्यता प्राप्त है जो 200 से अधिक देशों को सस्ती जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराता है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज हम नवाचार, अनुसंधान एवं विकास तथा बायोफार्मा पर विशेष ध्यान देते हुए मात्रा से मूल्य की ओर महत्वपूर्ण बदलाव कर रहे हैं।’’

दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं तथा जीनोम इंडिया परियोजना जैसी पहल के साथ गोयल ने कहा कि भारत स्वास्थ्य सेवा विनिर्माण की अगली लहर का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।

उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दशक में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में परिवर्तनकारी कदम उठाए गए हैं, जैसे मुफ्त इलाज उपलब्ध कराना, जन औषधि केन्द्रों की स्थापना करना और आधुनिक चिकित्सा अवसंरचना का निर्माण करना। उन्होंने कहा कि इन सभी ने देश में स्वास्थ्य सेवा वितरण में क्रांतिकारी बदलाव किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं वैश्विक निवेशकों और उद्योग जगत के नेताओं से भारत में मौजूद अपार अवसरों का लाभ उठाने का आग्रह करता हूं।’’

केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने दो दिवसीय कार्यक्रम के समापन सत्र में भाग लिया।

भाषा सुभाष माधव

माधव


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