डिजिटल बुनियादी ढांचा मजबूत बनाने के कारण भारत कोरोना के प्रतिकूल प्रभावों को कम कर सका: कोविंद

डिजिटल बुनियादी ढांचा मजबूत बनाने के कारण भारत कोरोना के प्रतिकूल प्रभावों को कम कर सका: कोविंद

डिजिटल बुनियादी ढांचा मजबूत बनाने के कारण भारत कोरोना के प्रतिकूल प्रभावों को कम कर सका: कोविंद
Modified Date: November 29, 2022 / 08:14 pm IST
Published Date: December 30, 2020 8:13 am IST

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आने वाले समय में कोविड-19 महामारी समाप्त होने की उम्मीद जताते हुए बुधवार को कहा कि हाल के वर्षों में डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के कारण भारत कोरोना के कारण उत्पन्न गतिशीलता संबंधी प्रतिबंधों के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में सफल रहा ।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने इस संकट का उपयोग आगे बढ़ने के अवसर के रूप में किया ।

राष्ट्रपति ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘डिजिटल इंडिया अवार्ड 2020’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ यह साल अब समाप्त होने वाला है और हमें उम्मीद है कि महामारी भी जल्द ही समाप्त हो जाएगी। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि कोरोना वायरस ने सामाजिक संबंधों, आर्थिक गतिविधियों, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और जीवन के कई अन्य पहलुओं के मामले में दुनिया को बदल दिया है।’’

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कोविंद ने कहा कि भारत न केवल गतिशीलता संबंधी प्रतिबंधों के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए तैयार था, बल्कि विभिन्न मोर्चो पर आगे बढ़ने के अवसर के रूप में इस संकट का भी उपयोग किया। यह केवल इसलिए संभव हो पाया क्योंकि हाल के वर्षों में डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है।

उन्होंने कहा कि इस दौरान शिक्षा का काम बिना रूकावट के जारी रहा क्योंकि अधिकतर संस्थानों ने आनलाइन कक्षाएं शुरू की। न्यायपालिका से टेलीमेडिसिन सहित अलग अलग क्षेत्रों ने डिजिटल माध्यम को अपनाया ।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार के लिये भी नागरिकों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं देने और अर्थव्यवस्था के पहिये को चलायमान रखने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण माध्यम बनकर सामने आई।

कोविंद ने कहा कि सक्रिय डिजिटल माध्यम उपयोग के कारण हम लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद भी सरकार की महत्वपूर्ण सेवाओं के परिचालन को जारी रखना सुनिश्चित करने में सक्षम रहे । इसके साथ ही महामारी के प्रबंधन में भी हमें मदद मिली ।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें सरकारी दफ्तरों में कामकाज के कागजमुक्त और सुरक्षा की दृष्टि से सम्पर्क रहित बनाने एवं नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नवोन्मेषी समाधान तलाश करने की जरूरत है। इससे प्रशासनिक प्रक्रिया पर्यावरण अनुकूल बनाने में भी मदद मिलेगी । ’’

भाषा दीपक दीपक शाहिद

शाहिद


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