प्रतिस्पर्धी वैश्विक परिदृश्य के बावजूद भारत अवसरों की भूमि है: लोकसभा अध्यक्ष

प्रतिस्पर्धी वैश्विक परिदृश्य के बावजूद भारत अवसरों की भूमि है: लोकसभा अध्यक्ष

प्रतिस्पर्धी वैश्विक परिदृश्य के बावजूद भारत अवसरों की भूमि है: लोकसभा अध्यक्ष
Modified Date: May 25, 2025 / 06:56 pm IST
Published Date: May 25, 2025 6:56 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

रांची/जमशेदपुर, 25 मई (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को कहा कि मौजूदा प्रतिस्पर्धी विश्व परिदृश्य के बावजूद भारत अवसरों की भूमि है।

बिरला जमशेदपुर में ‘सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ के कौस्तुभ जयंती समारोह के दौरान एक सभा को संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि देश में अपनी बौद्धिक क्षमता और नवीन विचारों, प्रौद्योगिकी और युवा एवं कुशल मानव संसाधनों के साथ दुनिया का नेतृत्व करने की पर्याप्त क्षमता है।

बिरला ने कहा कि दुनिया के बड़े उद्योग भारत की ओर देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सुधारों को लाने और उद्योग-अनुकूल नीतियों को लागू करने के लिए प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम तेजी से बदलते परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए उद्योग-अनुकूल नीतियों को बनाना जारी रखते हैं, तो देश का सामाजिक-आर्थिक विकास गति पकड़ेगा।’’

इस अवसर पर बिरला के अलावा केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, पूर्व केंद्रीय मंत्री और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और भाजपा सांसद विद्युत बरन महतो भी मौजूद थे।

बिरला दिन में इसके पहले दो दिवसीय झारखंड दौरे के तहत रांची पहुंचे और और पुरानी सेंट्रल जेल स्थित बिरसा मुंडा स्मारक पार्क सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय में आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की 25 फुट ऊंची प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। बिरसा मुंडा ने नौ जून, 1900 को यहीं अंतिम सांस ली थी।

बिरला ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘यह देश के लिए भगवान बिरसा के बलिदान को दर्शाता है। उलगुलान के प्रणेता, धरती आबा भगवान बिरसा का जीवन प्रेरणा का स्रोत है।’

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने सुबह रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर बिरला का स्वागत किया।

बिरला ने हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं बिरसा मुंडा की धरती को नमन करता हूं। यह वीरता, आदिवासी संस्कृति, मूल्यों और परंपराओं की धरती है। झारखंड अपने आदिवासी समुदायों की संस्कृति को संरक्षित करते हुए आधुनिक विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। यह धरती हम सभी के लिए प्रेरणा है।’’ बिरला सोमवार को नयी दिल्ली लौटेंगे।

भाषा संतोष धीरज

धीरज


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