भारत ने बांग्लादेश उच्चायोग बाहर हुए प्रदर्शन को लेकर बांग्लादेशी मीडिया की खबरों को खारिज किया

भारत ने बांग्लादेश उच्चायोग बाहर हुए प्रदर्शन को लेकर बांग्लादेशी मीडिया की खबरों को खारिज किया

भारत ने बांग्लादेश उच्चायोग बाहर हुए प्रदर्शन को लेकर बांग्लादेशी मीडिया की खबरों को खारिज किया
Modified Date: December 21, 2025 / 06:11 pm IST
Published Date: December 21, 2025 6:11 pm IST

नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) भारत ने बांग्लादेश में मीडिया की उन खबरों को ‘‘भ्रामक प्रचार’’ बताते हुए खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि उस देश में एक हिंदू व्यक्ति की हत्या के विरोध में नयी दिल्ली में बांग्लादेशी उच्चायोग के बाहर हुए प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा का माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया गया था।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि शनिवार को बांग्लादेश के मयमनसिंह में दीपू चंद्र दास की ‘‘विभत्स हत्या’’ के विरोध में बांग्लादेश उच्चायोग के सामने लगभग 20-25 युवक एकत्र हुए और नारे लगाए।

इसने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की भी मांग की।

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भारत ने ढाका की अंतरिम सरकार से दास की ‘‘बर्बर हत्या’’ के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने का भी आग्रह किया।

बांग्लादेशी मीडिया की कुछ खबरों में दावा किया गया कि बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने परिसर की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की।

मंत्रालय ने कहा कि ‘‘किसी भी समय बाड़ तोड़ने या सुरक्षा का माहौल बिगाड़ने का कोई प्रयास नहीं किया गया’’।

इसने यह भी कहा कि पुलिस ने कुछ मिनटों के बाद समूह को तितर-बितर कर दिया और इन घटनाओं के दृश्य साक्ष्य सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं।

दास (25) की बृहस्पतिवार को मयमनसिंह शहर में भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में अशांति का एक नया दौर देखने को मिला है। वह सरकार विरोधी प्रदर्शनों का एक प्रमुख चेहरा थे, जिनके कारण शेख हसीना सरकार का पतन हुआ था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने बांग्लादेशी मीडिया के कुछ वर्गों में इस घटना को लेकर भ्रामक प्रचार देखा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि 20 दिसंबर को नयी दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग के सामने लगभग 20-25 युवक एकत्र हुए और मयमनसिंह में दीपू चंद्र दास की जघन्य हत्या के विरोध में नारे लगाए, साथ ही बांग्लादेश में सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग भी की।’’

जायसवाल ने कहा कि किसी भी समय ‘‘बाड़ तोड़ने या सुरक्षा संकट पैदा करने का कोई प्रयास नहीं किया गया’’।

उन्होंने कहा, “मौके पर तैनात पुलिस ने कुछ मिनटों के भीतर समूह को तितर-बितर कर दिया। इन घटनाओं के दृश्य साक्ष्य सार्वजनिक रूप से सभी के देखने के लिए उपलब्ध हैं। भारत ‘वियना कन्वेंशन’ के अनुसार अपने क्षेत्र में विदेशी मिशनों और चौकियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

जायसवाल इस मुद्दे पर मीडिया के एक सवाल का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत बांग्लादेश में उत्पन्न हो रही स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है। हमारे अधिकारी बांग्लादेशी अधिकारियों के संपर्क में हैं और हमने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर अपनी गहरी चिंता उनसे साझा की है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने यह भी आग्रह किया है कि दास की बर्बर हत्या के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।’’

भाषा देवेंद्र रंजन

रंजन


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