भारत ने अफगानिस्तान में तेजी से बिगड़ते हालात की समीक्षा की, नागरिकों को लाना पहली प्राथमिकता | India reviews rapidly deteriorating situation in AfghanistanBringing citizens first priority

भारत ने अफगानिस्तान में तेजी से बिगड़ते हालात की समीक्षा की, नागरिकों को लाना पहली प्राथमिकता

भारत ने अफगानिस्तान में तेजी से बिगड़ते हालात की समीक्षा की भारत ने अफगानिस्तान में तेजी से बिगड़ते हालात की समीक्षा की, नागरिकों को लाना पहली प्राथमिकता

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : August 16, 2021/8:50 pm IST

नई दिल्ली, 16 अगस्त।  अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के एक दिन बाद भारत के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों, विदेश नीति से जुड़े प्रतिष्ठानों और वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों ने सोमवार को वहां तेजी से बिगड़ते हालात की समीक्षा की। इस समीक्षा बैठक से संबंधित जानकारों ने बताया कि रविवार की रात को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां तेजी से बिगड़ते हालात के मद्देनजर सरकार की प्राथमिकता अफगानिस्तान में फंसे लगभग 200 भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाना है। इनमें भारतीय दूतावास के कर्मी और सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर चले जाने के बाद रविवार को तालिबान के लड़ाके काबुल में घुस गए। इसके साथ ही दो दशक लंबे उस अभियान का आश्चर्यजनक अंत हो गया जिसमें अमेरिका और उसके सहयोगियों ने देश में बदलाव लाने की कोशिश की थी। तालिबान ने एक हफ्ते से भी कम समय में देश के बड़े हिस्से पर नियंत्रण कर लिया और पश्चिमी देशों द्वारा प्रशिक्षित देश का सुरक्षा बल तालिबान को रोकने या मुकाबला करने में नाकाम साबित हुआ। बहरहाल, काबुल में अफरातफरी और भय का माहौल है और लोग सुरक्षित ठिकानों की ओर कूच करने की कोशिशों के तहत सोमवार को बड़ी संख्या में काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंच गए।

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काबुल हवाई अड्डे पर वाणिज्यिक उड़ानों पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। विदेशी राजनयिकों और नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए अमेरिकी सेना ने हवाई अड्डे की सुरक्षा अपने नियंत्रण में ले ली है। काबुल हवाई अड्डे पर अफरातफरी के माहौल और चिंताजनक स्थिति के मद्देनजर वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित लाने के लिए विमान भेजने के निर्णय में देरी हो रही है। हालांकि जानकारों का कहना है कि भारत ने दो दिनों से कई सी-17 ग्लोबमास्टर सैन्य परिवहन विमान तैयार रखे हैं। अपुष्ट खबरों के मुताबिक भारत ने एक सी-17 ग्लोबमास्टर विमान अफगानिस्तान भेजा था लेकिन वह सोमवार को वापस लौट आया। राजधानी काबुल में बिगड़ते सुरक्षा हालात के मद्देनजर भारतीयों को हवाई अड्डे तक लाना भी चुनौती है।

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अधिकारियों ने बताया कि सरकार की कोशिश भारतीय नागिरकों के अलावा वहां के अल्पसंख्यक हिंदू व सिख समुदाय के लोगों के साथ ही उन अफगानी नागरिकों को भी वापस लाने की तैयारी में है जिन्होंने वीसा के लिए आवेदन दिया है।अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को वापस लेने के अभियान से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, ‘‘वहां हालात तेजी से बदल रहे हैं और हम इस स्थिति पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं।’’ अमेरिका द्वारा एक मई से अफगानिस्तान से अपनी सेना को वापस बुलाना आरंभ किया था। इसके बाद जिस तेजी से तालिबान ने वहां कब्जा जमाया उससे भारत सहित कई देश हैरान हैं। नाम ना छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर हमें यह उम्मीद नहीं थी कि काबुल इतनी जल्दी घुटने टेक देगा।’’ भारत आफगानिस्तान का एक प्रमुख साझेदार रहा है और वहां लगभग 500 विभिन्न परियोजनाओं के लिए उसने लगभग तीन अरब अमेरिकी डॉलर का वहां निवेश किया है।अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा करना भारत के लिए झटका माना जा रहा है क्योंकि तालिबान को पाकिस्तानी सेना का समर्थन हासिल है।

 

 
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