नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) मंगोलिया के उलानबातर में जारी द्विपक्षीय अभ्यास में भाग ले रहे भारत और मंगोलिया के सैन्य दल आतंकवाद विरोधी अभियानों और अचूक निशाना साधने के क्षेत्र में सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों का सक्रिय रूप से आदान-प्रदान कर रहे हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि संयुक्त अभ्यास के माध्यम से दोनों सेनाएं समकालीन सुरक्षा चुनौतियों का प्रभावी ढंग से जवाब देने की अपनी क्षमता को मजबूत करने के लिए काम कर रही हैं।
संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘नोमैडिक एलीफेंट’ का 17वां संस्करण 31 मई से 13 जून तक उस देश के विशेष बल प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित किया जा रहा है। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना है।
भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र के आदेश के तहत अर्ध-शहरी और पहाड़ी इलाकों में गैर-पारंपरिक अभियानों के संचालन पर केंद्रित इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों सेनाओं की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाना है।’’
उन्होंने कहा कि भाग लेने वाले दल सक्रिय रूप से ‘‘आतंकवाद-रोधी अभियानों और अचूक निशाना साधने में सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों’ का आदान-प्रदान कर रहे हैं, जिससे अंतर-संचालन क्षमता में सुधार हो रहा है।
दो सप्ताह तक चलने वाला यह अभ्यास भारत और मंगोलिया में बारी-बारी से आयोजित होने वाला एक वार्षिक आयोजन है। इसका पिछला संस्करण जुलाई 2024 में मेघालय के उमरोई में आयोजित किया गया था। यह अभ्यास भारत और मंगोलिया के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग को दर्शाता है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘आपसी समन्वय और तैयारियों को बढ़ाने के लिए व्यापक प्रशिक्षण गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। दोनों देशों के सैनिक अपनी परिचालन रणनीति को निखार रहे हैं।’’
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अभ्यास से पहले एक बयान में कहा था कि भारतीय दल में 45 जवान शामिल हैं, जिनमें मुख्य रूप से अरुणाचल स्काउट्स की एक बटालियन के जवान शामिल होंगे।
इसने कहा था कि मंगोलियाई सशस्त्र बल की टुकड़ी, जिसमें समान संख्या में सैनिक शामिल होंगे, का प्रतिनिधित्व 150 विशेष बल इकाई द्वारा किया जाएगा।
भाषा
देवेंद्र पवनेश
पवनेश
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