भारत का बड़ा फैसला, पाकिस्तान और चीन की सीमा पर बनेंगी 21 सौ किमी सड़कें, सीमा पर सेना का पहुंच होगा आसान

भारत का बड़ा फैसला, पाकिस्तान और चीन की सीमा पर बनेंगी 21 सौ किमी सड़कें, सीमा पर सेना का पहुंच होगा आसान

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  • Publish Date - January 14, 2019 / 03:42 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:41 PM IST

नई दिल्ली। भारत सरकार ने पाकिस्तान और चीन की सीमा से सटे इलाकों में 44 सड़कों के निर्माण का फैसला किया है। इस फैसले से ड्रैगन और पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है। भारत चीन से लगती सीमा पर 44 सामरिक सड़कों के निर्माण के साथ-साथ पाकिस्तान से सटे पंजाब और राजस्थान में करीब 2100 किलोमीटर मुख्य एवं संपर्क मार्गों का निर्माण करेगी।

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भारत-चीन सीमा पर सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इन 44 सड़कों के निर्माण पर करीब 21,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। ये सड़कें भारत-चीन सीमा से लगे पांच राज्यों- जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम एवं अरुणाचल प्रदेश में बनाई जाएंगी।

सीपीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर राजस्थान एवं पंजाब में 5,400 करोड़ रुपये की लागत से 2100 किलोमीटर लंबे मुख्य एवं संपर्क मार्गों का निर्माण किया जाएगा। 945 किलोमीटर मुख्य तथा 533 किमी लंबे संपर्क मार्गों का निर्माण राजस्थान सीमा पर किया जाएगा। इस पर 3,700 करोड़ रुपये की लागत आएगी। पंजाब में करीब 1,750 करोड़ रुपये की लागत से 482 किमी मुख्य व 219 किमी लंबे संपर्क मार्गों का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना राजस्थान और पंजाब के दूर-दराज वाले इलाकों में सुरक्षा प्रदान करेगी।सामरिक दृष्टिकोण से सड़कें भारत के लिए मददकार साबित होंगी, अप्रिय स्थिति में सीमा पर सड़कों के माध्यम से सेना का पहुंच आसान होगा।

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शुरुआत में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट (2018-19) के अनुसार, ‘एजेंसी को भारत-चीन सीमा पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण 44 सड़कों के लिए आदेशित किया गया है। युद्ध के वक्त सीमा पर सड़को के माध्यम से सेना को अपने दल बल के साथ कम समय में तैनात किया जा सकेगा।

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भारत और चीन के बीच करीब 4,000 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक के इलाकों से गुजरती है।केंद्र सरकार की सबसे बड़ी निर्माण एजेंसी सीपीडब्ल्यूडी इन परियोजनाओं की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पर मंजूरी लेने की प्रक्रिया भी चल रही है।